Sunday, December 20, 2020

अध्याय 10 उपनिवेशवाद और देहात

 

प्रश्न 1. बंगाल में इस्तमरारी बंदोबस्त कब लागू किया गया ?

उत्तर -1793 में बंगाल के राजाओं व तलुक्दारों के साथ लागू किया गया। उनको जमींदारों के रूप मे वर्गीकृत किया गया।

प्रश्न 2. इस्तमरारी बंदोबस्त लागू करते समय बंगाल का गवर्नर कौन था ?
उत्तर - लॉर्ड कार्नवालिस, जिसने राजस्व की मांग को स्थाई कर दिया।

प्रश्न 3. राजस्व इकट्ठा करते समय जमींदार का जो अधिकारी आता था उसे किस नाम से जाना जाता था ?उत्तर - अमला।

प्रश्न 4. इस्तमरारी बंदोबस्त (स्थाई बंदोबस्त) लागू करते समय वर्धमान का राजा कौन था ?

उत्तर - तेज चंद।

प्रश्न 5. पांचवी रिपोर्ट ब्रिटिश संसद में कब पेश की गई ?

उत्तर -1813 में।

प्रश्न 6. 1857 के विद्रोह के दौरान अंग्रेजों का साथ देने वाला वर्धमान का राजा कौन था ?

उत्तर - मेहताब चंद।

प्रश्न 7. दामिनी-ए-कोह क्या थी ?

उत्तर - ये वो भूमि थी जिसे 1832 में अंग्रेजों ने राजमहल की पहाड़ियों के प्रदेश को खेती के लिए घोषित कर दिया। इसे दामिन-ए-कोह कहते थे।

प्रश्न 8. पहाड़िया लोग कौन थे ? वे अपना जीवन यापन कैसे व्यतीत करते थे ?

उत्तर - पहाड़िया लोग राजमहल की पहाड़ियों के इर्द-गिर्द रहते थे। ये अपना निर्वाह जंगली उत्पादों से ,व झूम खेती से करते थे।

प्रश्न 9. जोतदार कौन थे ? वे जंमीदारों से ज्यादा शक्तिशाली कैसे हो गऐ ?

उत्तर - जंमीदार शहर में रहते थे। जोतदार गरीब ग्रामीण वासियों के साथ रहते थे। उनका सीधा नियंत्रण ग्राम वासियों पर था । जमींदारों की नीलामी भूमि को वो खरीद लेते थे।

प्रश्न 10. जमीदारों को नियंत्रित करने के लिए कंपनी ने क्या कदम उठाए ?

उत्तर - कंपनी ने उनकी सैनिक भरती बंद कर दी ।सीमा शुल्क समाप्त कर दिया । न्याय करने की उनकी व्यवस्था उनसे छीन ली।

प्रश्न 11. हल व कुदाल क्या थे ?

उत्तर - संथाल खेती के लिए हल का प्रयोग करते थे। वहीं पहाड़िया लोग खेती के लिए कुदाल का प्रयोग करते थे।

प्रश्न 12. बुकानन कौन थे ?
उत्तर - एक अंग्रेज अधिकारी था जो नक्शानवीस, सर्वेक्षक,पालकी उठाने वालों के साथ यात्राऐं करता था। इनको सरकार ने लोगों की जानकारी और किसानों की हालत देखना,खोजना,ओर उसको लिखने के लिए भेजा था।

प्रश्न 13. बुकानन के अनुसार राजमहल की पहाड़ियों को क्या कहा ?

उत्तर - बुकाकान के अनुसार, राजमहल की पहाड़ियों का प्रदेश एक खतरनाक प्रदेश था, जहां बहुत कम यात्री जाने का साहस कर पाते थे। यहां के निवासियों का व्यवहार बाहरी लोगों के प्रति शत्रुतापूर्ण था।

प्रश्न 14. सूर्यास्त कानून क्या था ?
उत्तर - 1793 ई. के बंगाल रेग्युलेशन के आधार पर 1794 ई. में 'सूर्यास्त कानून' (Sunset Law ) लाया गया, जिसके अनुसार अगर एक निश्चित तिथि को सूर्यास्त होने तक जमींदार जिला कलेक्टर के पास भू-राजस्व की रकम जमा नहीं करता तो उसकी पूरी जमींदारी नीलाम हो जाती थी।

प्रश्न 15. इस्तमरारी बन्दोबस्त लागू होने के बाद कितनी जमींदारियाँ बेच दी गई ?

उत्तर - 75 प्रतिशत से अधिक जमींदारीयाँ बेच दी गई थी।

प्रश्न 16. जंमीदार अक्सर कर देने मे चूक कयों कर दिया करते थे ?

उत्तर - क्योंकि राजस्व की दर बहुत ज्यादा थी। जमींदारी नीलाम होने पर जमींदार द्वारा अपने ही आदमी से कम बोली लगवाई जाती व उसे खरीद लिया जाता था।

प्रश्न 17. संथाल कौन थे ? उन्होनें अंग्रेजों के खिलाफ़ विद्रोह कयों किया ?

उत्तर - ये भूमिहीन थे। इनको खेती करने को जंगल की जमीन मुफ्त में देकर इनको दामिन-ए-कोह पर बसाया गया था। कर्ज देने की एवज में जमींदार इनकी भूमि पर कब्जा करने लगे व बाद में इन्होंने अत्यधिक कर लेने के कारण अंग्रजों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया।

प्रश्न 18. अंग्रेजों ने संथालो को पहाडिया लोगो की जमीन पर संथाल लोगों को क्यों बसाया
?
उत्तर - पहाड़ी लोग खेती करने, हल चलाने को तैयार नहीं थे । अंग्रेजों को खेती से कर चाहिए था। आय बढानी थी। इसलिये दामिन-ए-कोह भूमि को संथालों को मुफ्त में दी। पर शर्त यह थी कि दस वर्ष में 10% भूमि को खेती योग्य बनाना था।

प्रश्न 19. संथाल लोगों के बसने से कंपनी को क्या लाभ हुआ ?
उत्तर -1832 में इस भूमि को दामि-ए-कोह का नाम दिया गया और इसे संथालो लोगों की भूमि घोषित कर दिया गया। संथालो के गांवों की संख्या 1838 में 40 थी वो 1851 में 1473 हो गई।जनसँख्या 3000 हजार से 82000 हजार हो गई। इससे खेती का बड़ा विस्तार हुआ व कंपनी की आय मे भारी वृद्धि हुई।

प्रश्न 20. ब्रिटिश कंपनी सरकार ने राजमहल की पहाड़ियों पर नियंत्रण करने के लिए कौन सी नीति अपनाई
?
उत्तर - अंग्रेज जंगलों को उजाड़ मानते थे, वनवासियों का सबसे क्रूर, बर्बर ,उपद्रवी व्यवहार, जिन पर शासन करना कठिन था। इसलिए उन्होंने जंगलों का सफाया कर वहां स्थाई कृषि को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया। इसका उद्देश्य राजस्व में वृद्धि व निर्यात के लिए फसल पैदा करना और सभ्य समाज की स्थापना करना था।

प्रश्न 21. पहाड़ी लोग उन मैदानों पर जहां किसान एक स्थान पर बस कर खेती करते थे उन पर आक्रमण कर देते थे। क्या जमीदारों को शांति खरीदनी पड़ रही थी ?

उत्तर - पहाड़िया लोग उन मैदानों पर जहां किसान खेती कर रहे थे इसलिए आक्रमण करते थे क्योंकि वे अभाव में,अकाल में अपने को जीवित रख सके व अपनी ताकत दिखाने के लिए। अतः जमीदार पहाड़ी मुखियों से नियमित रूप से खिराज / धन देकर उनसे शांति खरीदे थे ?

प्रश्न 22.राजमहल की पहाड़ियों में रहने वाले पहाड़ी लोगों को भीतर की ओर अंदर चले जाने को क्यों मजबूर किया गया ?
उत्तर - अपने शत्रु के सैन्य बलों से बचने के लिए वह भूमि चट्टानें अधिक बंजर शुष्क होने के बावजूद भी पहाड़ियों के अंदर चले गए जिससे वे अंग्रेजों के दमन से बच सके। उनके जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ा। उनके चरणों गांव का क्षेत्र संकुचित हो गया वे अंग्रेजी केकरो दमन का शिकार हुए क्योंकि वे अंग्रेजों की बातों को नहीं मान रहे थे और ना ही कोई कर देते थे।

प्रश्न 23. स्थाई बंदोबस्त की असफलता के क्या कारण थे ?
उत्तर - कर की मांग बहुत ज्यादा थी। सूखा पड़ने के कारण ,फसल अच्छी ना होने कारण जमींदार की कर शक्ति राजस्व इकट्ठा करने तक ही सीमित करने के कारण कर जमा नही होता था।

प्रश्न 24. सन 1859 में अंग्रेजों द्वारा परिसीमन कानून क्यों बनाया गया ? उसके प्रभाव की जांच कीजिए।

उत्तर - यह एक ऐसा कानून था जिसमें किसान का ब्याज, मूलधन से अधिक नहीं हो सकता था । इस कानून के अनुसार ऋण दाता और किसान के बीच हस्ताक्षरित ऋण पत्र केवल 3 वर्षों के लिए बाध्य धा।

प्रश्न 25. बंगाल के स्थाई भूमि बंदोबस्त की कोई दो विशेषताएं बताइए ?
उत्तर - जो जमींदार भूमि से कर एकत्रित करते थे उन्हें भूमि का मालिक बना दिया गया। जमींदार कंपनी को निश्चित कर देते थे जिसको बढ़ाया या घटाया नहीं जा सकता था।

प्रश्न 26. किसान साहूकारों से ऋण क्यों लेते थे ?
उत्तर - किसान को अत्यधिक कर देने से साहूकारों से धन की कमी के कारण विवश होकर साहूकारों से ऋण लेना पड़ता था। कभी पारिवारिक कारणों से भी ऋण लेते थे।

प्रश्न 27. स्थाई बंदोबस्त लागू होने से ईस्ट इंडिया
कंपनी को होने वाली दो वित्तीय हानियों का वर्णन करें।
उत्तर - ईस्ट इंडिया कंपनी अब लगान की दर नहीं बढ़ा सकती थी। अब कर की मात्रा निश्चित हो गई। सरकार का किसानों से सीधा संपर्क टूट गया। जमींदार अधिक प्रभावशाली हो गए। वे भूमि के मालिक बन गये। अब किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं था।

प्रश्न 28. बंगाल में स्थाई बंदोबस्त लागू होने से जमीदारों ने किसानों का शोषण किस प्रकार से किया ?

उत्तर - जमींदार किसानों से लगान की दर बढ़ा देते थे।अकाल व सूखा पड़ने पर भी कोई सहायता नहीं देते थे और उनसे कर वसूलने का तरीका गलत था। वे कठोर व्यवहार कर रहे थे।

प्रश्न 29. साहूकार किसानों की निर्धनता का कारण कैसे बने हुऐ थे ?
उत्तर - साहुकार ऋण वसूली के लिए उचित या अनुचित तरीकों को अपनाकर उनका शोषण करते थे। अत्यधिक ब्याज दर होने से वे ॠण नहीं चुका पाते थे। परिणामस्वरूप किसान निर्धन होते चले गए व साहुकार उनकी भूमि पर कब्जा कर लेते थे।

प्रश्न 30. उस समय का किसानों का इतिहास लिखते समय सरकारी स्रोतों के उपयोग में क्या समस्याएं आती हैं।
उत्तर - अधिकतर सरकारी स्रोत सरकार की जरूरत के हिसाब से लिखे गए थे जो बहुत सीमित मात्रा में मिले हैं। सरकार जमींदारों से ही कर लेती थी। उसे किसानों से कोई मतलब नहीं था। साहूकार का बहीखाता का कोई रिकॉर्ड नहीं है। किसानों की समस्याओं का कहीं जिक्र नहीं मिलता है।

प्रश्न 1. इस्तमरारी बंदोबस्त क्या था ? इस बंदोबस्त को लागू करने से ईस्ट इंडिया कंपनी को क्या फायदा हुआ ?
उत्तर 1765 ई. में जब अंग्रेजी कंपनी को बंगाल, उड़ीसा, बिहार की दिवानी का अधिकार प्राप्त हुआ तो भू -राजस्व को लागू किया गया। पर 1793 मे बंगाल,बिहार में लागू किया। इसे किसान से वसूला जाता था। इस कर प्रणाली को इस्तमरारी भूमि स्थाई बन्दोबस्त कहा जाता था। इस्तमरारी बंदोबस्त को सबसे पहले ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल में लागू किया। इसमें कंपनी ने राजस्व के नाम पर कर  की राशि निश्चित कर दी थी। अगर जमींदार इस राशि को नहीं चुका पाता तो उस जमींदार की जमींदारी/संपदा  को नीलाम कर दिया जाता था।

प्रश्न 2.  ईस्ट इंडिया कंपनी ने औपनिवेशिक शासन  सर्वप्रथम कहां स्थापित किया ? ग्रामीण समाज को  पुनव्यवस्थित करने के लिए कौन-सी नई व्यवस्था लागू की ?
उत्तर-  ईस्ट इंडिया कंपनी ने सर्वप्रथम औपनिवेशिक शासन बंगाल में स्थापित किया। यद्यपि यह कंपनी
व्यापार के लिए स्थापित की गई थी। इस कंपनी ने औपनिवेशिक शासन को स्थाई रखने के लिये इन्होंने भूमि संबंधी अधिकारों की नई व्यवस्था को लागू किया। इसे इस्तमरारी भूमि बंदोबस्त व्यवस्था कहते हैं।

प्रश्न 3. पहाड़िया लोगों का जनजीवन किस प्रकार का था। स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर - पहाड़िया लोग राजमहल की पहाड़ियों की तलहटी में रहते थे। वे केवल अपने लिये ही दाल, ज्वार, धान ,बाजरा उगाते थे। पहाड़िया लोग खाने के लिए महुआ के फूल इकठ्ठे करते थे, बेचने के लिए रेशम के कीड़े पालते और राल इकट्ठा करते, लकड़ी का कोयला बनाने के लिए लकड़ी इकट्ठा करते, शिकार करते, झूम खेती करते व जंगलों से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए थे। ईमली के पेड के नीचे झोपङी बनाकर रहते थे। आम के पेड़ की छाया मे आराम करते थे। पूरे प्रदेश को ही निजी भूमि मानते थे। मुखिया एकता बनाये रखने के लिए, झगड़े निपटाने के लिए काम करता था। ये अकाल में और अपने को जीवित रखने के लिये ,व अपनी ताकत दिखाने के लिए आक्रमण करते थे। जमीदारों से नियमित रूप खिराज से लेते थे। इनके द्वारा धन लेकर व्यापारियों को जंगल से आने व जाने की अनुमति दी जाती थी।

प्रश्न 4. बुकानन कौन था ? उसका क्या कार्य था ? उसके लिखे पर विश्वास क्यों नहीं किया जा सकता ?
उत्तर - बुकानन ने जो विवरण दिया था उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि वह कंपनी का अधिकारी था।  वह कंपनी के सर्वेक्षण के उद्देश्य से ही यात्रा करता था। बुकानन को साफ हिदायतें दी गई थी कि उसे क्या देखना है, क्या खोजना है, किस बारे में लिखना है। वह फौज के साथ गांव में जाता और कंपनी के एजेंट के रूप में काम करता था। जब कंपनी नेअपने को मजबूत बना लिया तो फिर वह संसाधनों की खोज में लग गई। इसमें उसने बुकानन को लगाया। बुकानन ने पत्थर, चट्टान, भूमि ,खनिज का पता लगाया, भूमि के बारे में किस प्रकार से फेरबदल करके उत्पादन बढ़ाया जा सकता है ,कौन सी फसल उगाई जा सकती है, कौन से पेड़ काटे जा सकते हैं, कौन से लगाए जा सकते हैं। इस प्रकार से वो कंपनी के फायदे के लिए काम करता था। इसके बदले कंपनी उसको  वेतन देती थी।

प्रश्न 5. इस्तमरारी बंदोबस्त लागू होने पर भी ईस्ट इंडिया कंपनी को क्या नुकसान हुआ ?
उत्तर - इस्तमरारी बंदोबस्त बंगाल के राजा, तालुकदार के साथ लागू किया गया। लागू होने के बाद भी जमींदार कर देने में असफल रहे। 75% से अधिक जमींदारीयाँ हस्तांतरित की गई । नीलामी के दौरान भी राजा के, तालुकदार के, जमीदार के लोग ही नीलामी मे बोली लगाते थे। जमींदारी महिलाओं के नाम पर कर देते थे। महिलाओं के नाम पर भूमि की नीलामी नहीं हो सकती थी। क्योंकि बार-बार अकाल पङ रहे थे, किसान खुद भूखमरी के शिकार हो रहे थे। खेती की पैदावार घट रही थी,  कृषि में निवेश कम था। जमींदार भूस्वामी नहीं थे बल्कि राज्य के कर संग्राहक थे । इनके अधीन 100 से 400 गांव तक होते थे। इस कारण कंपनी को कर का नुकसान हुआ।

प्रश्न 6. ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहाड़ीया लोगों के दमन के लिए क्या किया ? वे ऐसा करना क्यों चाहते थे ?
उत्तर - ईस्ट इंडिया कंपनी अपनी आय बढ़ाने के प्रयास में लगी थी। इसलिये अंग्रेजों की ये कोशिश थी कि ज्यादा से ज्यादा भूमि पर खेती हो, पर पहाड़ी लोग बाहरी लोगों पर हमला कर, उनके अनाज ,पशु छिन कर ले जाते थे। खेती करने व जंगल को काटने को तैयार नहीं थे। 1770 में अंग्रेज अधिकारियों ने पहाड़ियों को मारने और उनका नरसंहार करने का फैसला किया। सन 1780 में भागलपुर के कलेक्टर अगस्टस क्वींसलैंड ने पहाङी मुखियाओं को भत्ता देने व इनको अपने लोगों को नियंत्रण रखने के लिए कहा लेकिन बहुत से पहाड़ी मुखिया ने अंग्रेजों से भत्ता लेने से मना कर दिया, जिन्होने भत्ता लिया वे अपनी सत्ता को खो बैठे। पहाड़ी लोग अंग्रेजी सेना से बचने के लिए और बाहरी लोगों पर आक्रमण करने के लिए अंदर ही अंदर पहाड़ियों में चले गए। इसलिये अंग्रजों ने वहां संथालों को बसाने का निर्णय लिया।

प्रश्न 7. पांचवी रिपोर्ट क्या थी ? ब्रिटिश प्रशासन ने इस रिपोर्ट पर क्या कार्य किया ?
उत्तर - 1813 में ब्रिटिश प्रशासन व ईस्ट इंडिया कंपनी  के बारे में चर्चा की गई। ब्रिटेन में कई समूहो  ने कंपनी के एकाधिकार का विरोध किया। उनका विचार था की बंगाल से कंपनी को ही लाभ हो रहा है न कि पूरे ब्रिटेन को । कंपनी के अधिकारीयों के प्रशासन में भ्रष्टाचार व लालच की घटनाये  समाचार पत्रों में खुले तौर पर छपती थी। अतः ब्रिटिश पार्लियामेंट में ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रशासन को नियमित व नियंत्रित करने के लिए विभिन्न एक्ट पारित किए गए।

प्रश्न 8. जोतदार जमीदारों से अधिक शक्तिशाली क्यों हो गए थे ?
उत्तर - जब जमींदार कठिनाई का सामना कर रहे थे तब कुछ धनी किसान वर्ग जिन्हें जोतदार कहा जाता था बड़ी भूमि का स्वामी बन चुके थे। वे गरीब किसानों  की सहायता करते थे। जोतदार गांव में रहते थे व गरीब किसानों पर सीधा नियंत्रण रखते थे। वे जमींदारों के अधिकारियों को कर्तव्य पालन करने से रोकते थे । किसानों को अपने पक्ष में एक जूट रखते थे किसानों को जानबूझकर जमीदारों को कर देने में देरी करवाते थे और न कर देते थे जमीदार की समय पर कर ना भुगतान करने से कंपनी द्वारा उसकी संपत्ति को नीलाम किया जाता था। जोतदार वह भूमि खरीदकर जमींदार बन जाते थे।

प्रश्न 9 संथाल कौन थे ? उन्होंने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध विद्रोह क्यों किया ?
उत्तर संथाल लोग 1780 से बंगाल से पहुंचना शुरू हो गए थे वे जंगलों को साफ कर कृषि योग्य भूमि बनाने का काम करने लगे कंपनी के अधिकारियों ने को राज महल के पहाड़ियों के पास बसने का निमंत्रण दिया जहाँ पहाड़ी लोग हल को हाथ लगाने तक तैयार नहीं थे। इसके विपरीत संथाल जंगलों को साफ कर पूरी शक्ति से खेती करना चाहते थे। राजमहल की तलहटी पर संथालों को भूमि का बड़ा भाग दिया गया। 1832 तक क्षेत्र को दामिनी ए कोह के रूप में निश्चित किया गया और उन्हें सीमाओं के भीतर रहकर खेती करने को कहा गया 10 वर्ष के भीतर उन्हें 10% भाग को खेती योग्य बनाना था 1838 में जहां दामिना ए कोह में 40 गांव संथालों के थे जो 1851 में 1473 हो गये  वहीं इनकी संख्या 3000 से बढ़कर 82000 हो गई अंग्रेजो ने संथाली लोगों द्वारा साफ की गई भूमि पर अब सरकार ने भारी कर लगा दिया। उधार पर साहुकार भारी ब्याज ले रहे थे। यदि किसान उधार की गई राशि देने में असफल रहे तो उनसे भूमि छीन ली जाती जमीदारों का दामिन ए कोह में नियंत्रण बढ़ता जा रहा था।1856 में संथालो ने विद्रोह कर दिया कंपनी के सिपाहियों ने घेरे में लेकर विद्रोहियों को जंजीरों में डालकर जेल में डाल दिया।संथालों की तलाशी ली गई  पकड़कर उनके गांव में आग लगा दी जाती। अंग्रेजों ने इनके लिए भागलपुर और वीर भूमि जिलों से कुछ भाग काटकर संथाल परगना का निर्माण भी किया जिसका कुल क्षेत्रफल 5500 वर्ग मीटर था ताकि उनको संतुष्ट किया जा सके।



Saturday, December 12, 2020

अध्याय 11 विद्रोही और राज

1857 का आंदोलन और उसके व्याखान

प्रश्न 1. 10 मई 1857 के विद्रोह का आरम्भ कहाँ से हुआ ?

उत्तर- मेरठ  छावनी से।


प्रश्न  2. विद्रोही सैनिकों का जत्था  दिल्ली के लालकिले पर कब पहुंचा ?

उत्तर- 11 मई 1857 को। 


प्रश्न 3. दिल्ली पहुँचकर विद्रोहियों ने विद्रोह का नेतृत्व करने के लिए किस को मनाया ?

उत्तर - अंतिम मुगल बादशाह बहादुर


प्रश्न 4. वाजिद अली शाह कहाँ का नवाब था ?

उत्तर - अवध का।


प्रश्न 5. बंगाल आर्मी की पौधशाला किसे कहा जाता था ?

उत्तर - अवध को।

प्रश्न 6. 1857 की क्रांति के तात्कालीक कारण क्या थे ?

उत्तर- चर्बी वाले कारतूस।

प्रश्न 7. 1851 में लॉर्ड डलहौजी ने कहा था कि "यह गिलास का फल एक दिन मेरे मुंह में आकर ही गिरेगा।" यह किसके लिए कहा था ?

उत्तर - अवध के लिये।

प्रश्न 8.  अवध रियासत को औपचारिक रूप से ब्रिटिश साम्राज्य में कब मिला लिया गया ?

उत्तर - 1856 में ,जब वाजिद अली शाह को कोलकाता निर्वासित कर दिया।

प्रश्न 9. 1857 के विद्रोह में उत्तर प्रदेश के बड़ौत परगना के गांव वालों को किसने संगठित किया ?

उत्तर - शाहमल ने। 

प्रश्न 10. कानपुर में विद्रोहियों का नेतृत्व किसने किया?

उत्तर - नाना साहब ने।

प्रश्न 11. बिहार में विद्रोहियों के नेता कौन थे ?

उत्तर - आरा के कुँवर सिंह।


प्रश्न 12. सती प्रथा को बन्द करने के लिए लार्ड विलियम बैंटिक ने कब कानून बनाया?

उत्तर- 1829 में।


प्रश्न 13. विद्रोहियों ने अपने संदेश को फैलाने के लिये क्या - क्या तरीके अपनाये ?

उत्तर- चपातियाँ बांटना, तोप दागना, बिगुल बजाना ।


प्रश्न 14. सिहं भूमि में कोल विद्रोही आदिवासियों का नेतृत्व किसने किया?

उत्तर-गोनू ने

प्रश्न 15. दत्तक पुत्र (गोद लिया पुत्र) को अवैध घोषित कर अंग्रेजी राज्य में किन राज्यों को मिलाया गया ?

उत्तर- झांसी और सतारा, राज्य।

प्रश्न 16. भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहां कहां लड़ा गया ?

उत्तर - दिल्ली, उत्तर प्रदेश ,हरियाणा ,बिहार, पंजाब आदि स्थानों पर।


प्रश्न 17.  1857 के विद्रोह में सबसे व्यापक रूप कहां देखने को मिला ?

उत्तर - अवध में।


प्रश्न 18. 1856 में अवध में अधिग्रहण के बाद कौन-सी भू-राजस्व व्यवस्था लागू की गई ?

उत्तर - एकमुश्त बंदोबस्त व्यवस्था।

प्रश्न 19.  लखनऊ में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किसने किया ?

उत्तर -  बेगम हजरत महल ने (अवध के नवाब वाजिद अली शाह की पत्नी)

प्रश्न 20.  विद्रोह के बाद अंग्रेजों ने पुनः अवध पर कब नियंत्रण स्थापित किया ?

उत्तर - मार्च 1858 में।


प्रश्न 21. किस मौलवी ने 1857 के विद्रोह में अहम भूमिका निभाई?

अथवा

प्रश्न 21डंका शाह किसे कहा जाता था ?

उत्तर- मौलवी अहमदुल्लाह शाह ।

प्रश्न 22. "खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी" यह किसने लि7खा ?

उत्तर - सुभद्रा कुमारी चौहान ने।

प्रश्न 23. बिरजिस कद्र किसका पुत्र था ?

उत्तर- अवध के नवाब वाजिद अली शाह का।

प्रश्न 24. लखनऊ में ब्रिटिश राज ढहने  के बाद 1857 में किसे नेता घोषित किया गया ?

उत्तर  - बिरजिस कद्र को।

प्रश्न 25. अवध में सहायक संधि कब और किसने लागू की ?

उत्तर-  अवध में सहायक सन्धि 1801 में लॉर्ड वैलेजली ने लागू की।

प्रश्न 26. अवध में खेती की स्थिति कैसी थी ?

उत्तर - अवध में नील और कपास की खेती के लिए अत्यधिक उपयुक्त भूमि थी।

प्रश्न 27. तालुकदारों में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रति असंतोष क्यों था ?

उत्तर - 1856 में एकमुश्त बंदोबस्त के नाम पर उनकी जमीन छीन ली गई।

प्रश्न 28. दिल्ली के उन तीन द्वारों के नाम बताइए जहां विद्रोहियों ने 1857 में कब्जा कर लिया था ?

उत्तर - अजमेरी गेट, तुर्कमान गेट एवं दिल्ली गेट।

प्रश्न 29. 1857 में बरेली में हिंदू और मुसलमानों को लड़ाने के लिए अंग्रेजों  ने कितने रुपए खर्च करें

उत्तर- 50000 रुपये खर्च किये ।

प्रश्न 30.  कौन से भारतीय राजाओं, शासकों ने अंग्रेजों का 1857 की क्रांति में साथ दिया ?

उत्तर- ग्वालियर के सिंधिया, इंदौर के होल्कर, हैदराबाद के निजाम, जोधपुर के राजपूत शासक, भोपाल के नवाब ,नेपाल के राजा इन सब ने अंग्रेजों का साथ दिया।


प्रश्न 31. राज्य हड़पने की नीति कौन से गवर्नर जनरल ने अपनाई ?

उत्तर - लॉर्ड डलहौजी ने।


प्रश्न 32. प्रथम भारतीय संग्राम 1857 के असफलता के क्या कारण थे ?

उत्तर-

1.विद्रोह का निश्चित तिथि से पहले ही शुरू हो जाना।

2.भारतीयों में एकता ना रहना ।
3. विद्रोह का भारत के सभी भागों में ना फ़ेलना।
4. और कुछ भारतीय राजाओं के द्वारा अंग्रेजों का साथ देना।
5. भारतवासियों के पास अंग्रेजों के मुकाबले हथियारों का अभाव था।
6. अंग्रेजों को ब्रिटेन से यथासमय सहायता प्राप्त हो जाना।

 प्रश्न 33. सहायक संधि क्या थी?/सहायक संधि से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर- सहायक संधि लार्ड वेलेजली द्वारा 1798 में तैयार की गई एक संधि थी। अंग्रेजों के साथ यह संधि करने वालों को कुछ शर्तें स्वीकार करनी पड़ती थी। जैसे-

(क) अंग्रेज अपने सहयोगी की बाहरी तथा अंतरिक्ष चुनौतियों से सुरक्षा करेंगे।

(ख) सहयोगी पक्ष के क्षेत्र में एक अंग्रेजी सैनिक टुकड़ी तैनात रहेगी।

(ग) सहयोगी पक्ष को इस टुकड़ी के देखरेख की व्यवस्था करनी होगी।

(घ) सहयोगी पक्ष न तो किसी अन्य शासक के साथ संधि कर सकेगा और न ही अंग्रेजों की अनुमति के बगैर किसी युद्ध में भाग लेगा।

प्रश्न 34. 1857 के विद्रोह के प्रमुख कारण क्या थे ?

उत्तर -

विद्रोह के कारणरा

जनीतिक कारण

1. ब्रिटेन की विस्तार वादी नीति

2. बहादुर शाह जफर का अपमान

3. लार्ड वेलेजली की सहायक संधि

4. लॉर्ड डलहौजी की हड़प नीति/अधिग्रहण नीति

आर्थिक कारण

1. आर्थिक विकास (धन का निष्कासन)

2. कुटीर उद्योग और हस्तशिल्प का ह्वास

3. बेरोजगारी में वृद्धि

4. गरीबी और अकाल

5. किसानों की आर्थिक स्थिति में गिरावट

धार्मिक एवं सामाजिक कारण

1. धार्मिक प्रथाओं पर प्रहार

2. अफवाहें और भविष्यवाणियां

2. रंगभेद की नीति

सैन्य कारण

1. भारतीय सैनिकों के प्रति दुर्व्यवहार

2. अंग्रेजों की तुलना में कम वेतन

3. पदोन्नति के कम अवसर

4. जनरल सर्विस एन्लिस्टमेंट एक्ट (1856)

तात्कालिक कारण

1. अधिग्रहण की नीति

2. सिपाहियों का विद्रोह

3. कारतूसों में गाय और सुअर की चर्बी

प्रश्न 35. अवध पर अधिकार करने में अंग्रेजों की दिलचस्पी का मुख्य कारण क्या था ?

उत्तर -

अवध पर कब्जे में अंग्रेजों की दिलचस्पी का एक कारण वहां की जमीन का नील और कपास की खेती के लिए उपयुक्त(मुफीद) होना है । उन्हें लगता था कि इस इलाके को उत्तरी भारत के एक बड़े बाजार के रूप में विकसित किया जा सकता है। 1850 के दशक की शुरुआत तक वे देश के ज्यादातर बड़े हिस्से पर जीत हासिल कर चुके थे।

मराठा भूमि, दो-आब, कर्नाटक, पंजाब, और बंगाल, सब अंग्रेजों की झोली में थे। लगभग एक सदी पहले बंगाल की जीत के साथ शुरू हुई क्षेत्रीय विस्तार की प्रक्रिया 1856 में अवध के अधिग्रहण के साथ मुकम्मल हो जाने वाली थी

प्रश्न 37. विद्रोहियों के बीच एकता स्थापित करने के लिए क्या तरीके अपनाए गए ?

अथवा

"1857 में विद्रोहियों द्वारा जारी की गई घोषणाओं में मुगल साम्राज्य के तहत विभिन्न समुदायों के सहअस्तित्व का गौरवगान किया जाता था।" उक्त कथन की उदाहरणों सहित पुष्टि कीजिए।

उत्तर-

(1) 1857 में विद्रोहियों द्वारा जारी की गई घोषणाओं में, जाति और धर्म का भेद किए बिना समाज के सभी तबकों का आह्वान किया जाता था।

(2) अनेक घोषणाएं मुस्लिम राजकुमारों या नबाबों की तरफ से उनके नाम पर जारी की गई थी। परंतु उनमें भी हिंदुओं की भावनाओं का ख्याल रखा जाता था।

(3) इस विद्रोह को एक ऐसे युद्ध के रूप में पेश किया जा रहा था जिसमें हिंदू और मुसलमान दोनों का नफा नुकसान बराबर था।

(4) इश्तहारों में अंग्रेजों से पहले के हिंदू-मुस्लिम अतीत की ओर संकेत किया जाता था और मुगल साम्राज्य के तहत विभिन्न समुदाय के अस्तित्व का गौरव गान किया जाता था।

(5) बहादुर शाह के नाम से जारी की गई घोषणा में मोहम्मद औरआह्वान किया गया।

(6) हिंदू मुसलमानों के मत देख आई उत्पन्न करने की अंग्रेजों द्वारा की गई कोशिशों के बावजूद उनकी एकता में कोई अंतर नहीं दिखाई दिया।

प्रश्न  38. अंग्रेजों ने विद्रोह को कुचलने के लिए क्या कदम उठाए ?

उत्तर- 

अंग्रेजों के लिए इस जनविद्रोह को कुचलना आसान नहीं था परंतु फिर भी अंत में सफल हुए। उन्होंने इस को कुचलने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए-


  1. उत्तर भारत को दोबारा जीतने के लिए सैन्य टुकड़ियों को रवाना करने से पहले अंग्रेजों ने फौजियों की आसानी के लिए कई कानून पारित कर दिए थे।

  2. मई और जून 1857 में पास किए इन कानूनों के जरिए समस्त उत्तर भारत में मार्शल लॉ लागू कर दिया गया।

  3.  फ़ौजी अफसरों व साधारण अंग्रेजों को भी ऐसे हिंदुस्तानियों पर मुकदमा चलाने और उनको सजा देने का अधिकार दे  दिया गया जिन पर विद्रोह में सम्मिलित होने का संदेह था।

  4.  कानून और मुकदमों की सामान्य प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया। विद्रोह की केवल एक 'सजा-ए-मौत' निर्धारित की गई। 

  5. ब्रिटेन से सैनिक टुकड़ियाँ मंगाई गई ताकि विद्रोहियों को कुचला जा सके।

  6. अंग्रेज दिल्ली के सांकेतिक महत्व को समझते थे। अतः दिल्ली पर दो तरफ- कलकत्ता और पंजाब की तरफ से- आक्रमण किया गया। दिल्ली पर काफी संघर्ष और हानि के बाद सितंबर में कव्जा हुआ।

  7. (क) अंग्रेजों ने भूस्वामियों और काश्तकारों की एकता को तोड़ने के लिए बड़े जमीदारों को आश्वासन दिया कि उन्हें उनकी जागिरें लौटा दी जाएंगी।

(ख) विद्रोह का मार्ग अपनाने वाले जमीदारों को जमीन से बेदखल कर दिया गया और वफादारों को इनाम दिए गए। 

(ग) इस प्रकार बहुत से जमीदार या तो अंग्रेजों से लड़ते हुए मारे गए या भागकर नेपाल चले गए जहाँ  उन्होंने भूख और बीमारी से दम तोड़ दिया।

प्रश्न 39. सिपाहियों ने भिन्न-भिन्न स्थानों पर कार्रवाई शुरू करने के लिए किस प्रकार के संकेतों का प्रयोग किया? 

उत्तर- 

निम्नलिखित प्रकार के विशेष संकेतों का प्रयोग किया गया-

  1. कई जगहों पर शाम के समय तोप का गोला दागा गया। 

  2. कई स्थानों पर बिगुल बजाकर विद्रोह का संकेत दिया गया।

प्रश्न 40.   विद्रोहियों की प्रारंभिक गतिविधियों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर-

  •  सबसे पहले उन्होंने शस्त्रागार पर कब्जा जमाया।

  •  सरकारी खजाने को लूटा।

  • इसके पश्चात जेल, सरकारी खज़ाना, टेलीग्राफ दफ्तर,  रिकॉर्ड रूम,बंगलों, सरकारी इमारतों पर  आक्रमण किया तथा सारे रिकॉर्ड जलाते चले गए। 


प्रश्न 41.  बड़े शहरों में अमीरों और साहूकारों को शिकार क्यों बनाया गया?


उत्तर- विद्रोही अमीरों और साहूकारों को किसानों का उत्पीड़क और अंग्रेजों के पिट्ठू मानते थे। इसलिए वे विद्रोहियों के गुस्से का शिकार हुए।


प्रश्न 43.  मंगल पांडे कौन था?


उत्तर-  वह बैरकपुर (बंगाल) की 34 वीं सैन्य बटालियन का एक सिपाही था। उसने अपनी छावनी में चर्बी वाले कारतूस की बात पहुंचाई तथा अंग्रेज अधिकारियों के धर्म विरोधी आदेश की अवहेलना की। सार्जेंट मेजर हगसन के आदेश पर जब किसी भारतीय ने मंगल पांडे को कैद नहीं किया तो उसने हगसन को गोली मार दी। बाद में उसे कैद कर लिया गया और 8 अप्रैल 1857 कोउसे फांसी दे दी गई।


प्रश्न 45. "अफवाहें तभी फैलती हैं जब उनमें लोगों के दिमाग में गहरे दबे डर और संदेह की अनुगूंज सुनाई देती है।" 1857 के विद्रोह के संदर्भ में यह कथन किस प्रकार से उचित था?

अथवा 

 लोग अफवाहों पर विश्वास क्यों कर रहे थे?


उत्तर-

अफवाहें और भविष्यवाणियाँ 


तरह तरह की अफवाहों और भविष्यवाणियों के माध्यम से लोगों को उठ खड़ा होने के लिए बाधित किया जा रहा था।

1. गाय व सूअर की चर्बी वाले कारतूस- कोलकाता की बैरकपुर छावनी में एक नई राइफल एनफील्ड आई थी और उस राइफल के कारतूस को राइफल में डालने से पहले उसकी खोल को मुंह से तोङना पड़ता था। यह अफवाह फैला दी गई कि यह खोल गाय और सुअर की चर्बी से बना है। इसे हिंदू मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई।

2. 1857 के आरम्भ तक उत्तर भारत में यह एक अफवाह शीर्ष पर थी कि अंग्रेज सरकार ने हिंदू तथा मुसलमानों की जाति व धर्म को भ्रष्ट करने के लिए एक भयानक साजिश रच ली है और इस उद्देश्य के लिए अंग्रेजों ने बाजार में मिलने वाले आटे में गाय व सूअर की हड्डियों का चूर्ण मिलवा दिया है। 

3. किसी बड़ी कार्रवाई के आव्हान को इस भविष्यवाणी से और ताकत मिली कि प्लासी की जंग के 100 वर्ष पूरा होते ही 23 जून 1857 को अंग्रेजी राज समाप्त हो जाएगा। 

4. भारत के विभिन्न हिस्सों से गांव-गांव में चपातियां बांटने की रिपोर्ट आ रही थी। रात्रि में एक आदमी आकर गांव में चौकीदार को एक चपाती और पांच और चपातियां मिलाकर अगले गांव में पहुंचाने का निर्देश दे जाता था। इसे किसी आने वाली मुसीबत का संकेत मान रहे थे।


लोग अफवाहों पर विश्वास क्यों कर रहे थे ?


1857 की इन अफवाहों को 1820 के दशक से अंग्रेजों द्वारा अपनाई गई नीतियों के संदर्भ में देखा जाए तो उनका अर्थ आसानी से समझा जाता है-

1. गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बैटिंग ने 1829 में सती प्रथा को समाप्त कर दिया था। 

2. विधवा विवाह को वैधता प्रदान करने के लिए कानून बनाए दिया था। 

3. भारतीय समाज को सुधारने के लिए अंग्रेजी शिक्षा लागू की थी।

4. शासकीय निर्मलता और दतकता को अवैध घोषित कर देने जैसे बहानों के माध्यम से अंग्रेजों ने अवध, झांसी, सातारा जैसी अन्य रियासतों को कब्जे में ले लिया था।

 अंग्रेजों की इन नीतियों से लोगों के दिमाग में दबे गहरे डर और संदेह की अनुगूंज थी जिससे वे अफवाहों पर विश्वास करने लगे।


प्रश्न 46. विद्रोह से पूर्व भारतीय सैनिकों की अंग्रेजी शासन के विरुद्ध क्या शिकायतें थी?


उत्तर -  दशकों से सिपाही कम वेतन और छुट्टी नहीं मिलने के कारण असंतुष्ट थे। 

(क)1840 के दशक में स्थिति बदलने लगी। अफसरों में श्रेष्ठता का भाव पैदा होने लगा और वे सिपाहियों को कमतर नस्ल का मानने लगे। 

(ख) उनकी भावनाओं की जरा सी भी फिक्र नहीं करते थे। गाली गलोच और शारीरिक हिंसा सामान्य बात बन गई। (ग) सिपाहियों और अफसरों के बीच फासला बढ़ता गया।  भरोसे की जगह संदेह ने ले ली।

 चिकनाई युक्त कारतूसों की घटना  इसका एक बढ़िया उदाहरण थी।

(घ) सिपाही अपने इर्द-गिर्द जिन बदलावों को देख रहे थे और उन्हें जो खतरे दिखाई दे रहे थे वे जल्दी ही सिपाही लाइनों में भी दिखाई देने लगे।

(ङ) कारतूसों के विषय में सिपाहियों का डर, छुट्टियों के विषय में उनकी शिकायतें, बढ़ते दुर्व्यवहार,  नस्ली गाली गलौच के प्रति बढ़ता असंतोष गांवों में भी प्रतिबिंबित होने लगा था।


प्रश्न 47. अवध के अधिग्रहण से ताल्लुकदारों की स्थिति में क्या अंतर आया?(पेज 297,299)

उत्तर- 

  1. अवध के अधिग्रहण से सिर्फ नवाब की ही गद्दी नहीं छीनी थी। इसने इलाके के ताल्लुकदारों को भी लाचार कर दिया था।

  2.  अवध के समूचे देहात में ताल्लुकदारों की जागिरें और किले बिखरे हुए थे।  यह लोग पीढियों से अपने इलाके में जमीन और सत्ता पर नियंत्रण रखते आए थे।

  3. अंग्रेज इन ताल्लुकदारों की सत्ता को बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं थे ।

  4. अधिग्रहण के फोरन बाद ताल्लुकदारों की सेनाएं भंग कर दी गई। इनके दूर्ग ध्वस्त कर दिए गए।

  5. अधिग्रहण के बाद 1856 में एकमुश्त बंदोबस्त के नाम से ब्रिटिश भू-राजस्व व्यवस्था लागू कर दी गई। यह बंदोबस्त मान्यता पर आधारित था कि तालुकदार बिचौलिए थे जिनके पास जमीन का मालिकाना हक नहीं था। एकमुश्त बंदोबस्त में तालुकदारों को उनकी जमीन से बेदखल किया जाने लगा।

  6. अंग्रेजों के आने से पहले ताल्लुकदारों  के पास अवध के 67% गांव थे जो घटकर 38% रह गए।

  7. दक्षिणी अवध के ताल्लुकदारों को सबसे बुरी मार पड़ी। कुछ के तो आधे से ज्यादा गांव आते जाते रहे।

  8. ब्रिटिश भू-राजस्व अधिकारियों का मानना था कि ताल्लुकदारों हटाकर वे जमीन असली मालिकों के हाथ में सौंप देंगे जिससे किसानों के शोषण में कमी आएगी और राजस्व वसूली में इजाफा होगा।

  9. अवध के इलाकों का मूल्य निर्धारण बहुत बड़ा चढ़ाकर किया गया।

  10. कुछ स्थानों पर तो भू राजस्व मांग में 30 परसेंट से 70% तक इजाफा हुआ जिससे न तो तालुकदार और न किसान खुश थे।



प्रश्न 42. विद्रोह में भाग लेने वाले नेताओं के नामों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- 
















CBSE PAPER & ANSWER KEY 19-20