प्रश्न 1. बंगाल में इस्तमरारी बंदोबस्त कब लागू किया गया ?
उत्तर -1793 में बंगाल के राजाओं व तलुक्दारों के साथ लागू किया गया। उनको जमींदारों के रूप मे वर्गीकृत किया गया।
प्रश्न 2. इस्तमरारी बंदोबस्त लागू करते समय बंगाल का गवर्नर कौन था ?
उत्तर - लॉर्ड कार्नवालिस, जिसने राजस्व की मांग को स्थाई कर दिया।
प्रश्न 3. राजस्व इकट्ठा करते समय जमींदार का जो अधिकारी आता था उसे किस नाम से जाना जाता था ?उत्तर - अमला।
प्रश्न 4. इस्तमरारी बंदोबस्त (स्थाई बंदोबस्त) लागू करते समय वर्धमान का राजा कौन था ?
उत्तर - तेज चंद।
प्रश्न 5. पांचवी रिपोर्ट ब्रिटिश संसद में कब पेश की गई ?
उत्तर -1813 में।
प्रश्न 6. 1857 के विद्रोह के दौरान अंग्रेजों का साथ देने वाला वर्धमान का राजा कौन था ?
उत्तर - मेहताब चंद।
प्रश्न 7. दामिनी-ए-कोह क्या थी ?
उत्तर - ये वो भूमि थी जिसे 1832 में अंग्रेजों ने राजमहल की पहाड़ियों के प्रदेश को खेती के लिए घोषित कर दिया। इसे दामिन-ए-कोह कहते थे।
प्रश्न 8. पहाड़िया लोग कौन थे ? वे अपना जीवन यापन कैसे व्यतीत करते थे ?
उत्तर - पहाड़िया लोग राजमहल की पहाड़ियों के इर्द-गिर्द रहते थे। ये अपना निर्वाह जंगली उत्पादों से ,व झूम खेती से करते थे।
प्रश्न 9. जोतदार कौन थे ? वे जंमीदारों से ज्यादा शक्तिशाली कैसे हो गऐ ?
उत्तर - जंमीदार शहर में रहते थे। जोतदार गरीब ग्रामीण वासियों के साथ रहते थे। उनका सीधा नियंत्रण ग्राम वासियों पर था । जमींदारों की नीलामी भूमि को वो खरीद लेते थे।
प्रश्न 10. जमीदारों को नियंत्रित करने के लिए कंपनी ने क्या कदम उठाए ?
उत्तर - कंपनी ने उनकी सैनिक भरती बंद कर दी ।सीमा शुल्क समाप्त कर दिया । न्याय करने की उनकी व्यवस्था उनसे छीन ली।
प्रश्न 11. हल व कुदाल क्या थे ?
उत्तर - संथाल खेती के लिए हल का प्रयोग करते थे। वहीं पहाड़िया लोग खेती के लिए कुदाल का प्रयोग करते थे।
प्रश्न 12. बुकानन कौन थे ?
उत्तर - एक अंग्रेज अधिकारी था जो नक्शानवीस, सर्वेक्षक,पालकी उठाने वालों के साथ यात्राऐं करता था। इनको सरकार ने लोगों की जानकारी और किसानों की हालत देखना,खोजना,ओर उसको लिखने के लिए भेजा था।
प्रश्न 13. बुकानन के अनुसार राजमहल की पहाड़ियों को क्या कहा ?
उत्तर - बुकाकान के अनुसार, राजमहल की पहाड़ियों का प्रदेश एक खतरनाक प्रदेश था, जहां बहुत कम यात्री जाने का साहस कर पाते थे। यहां के निवासियों का व्यवहार बाहरी लोगों के प्रति शत्रुतापूर्ण था।
प्रश्न 14. सूर्यास्त कानून क्या था ?
उत्तर - 1793 ई. के बंगाल रेग्युलेशन के आधार पर 1794 ई. में 'सूर्यास्त कानून' (Sunset Law ) लाया गया, जिसके अनुसार अगर एक निश्चित तिथि को सूर्यास्त होने तक जमींदार जिला कलेक्टर के पास भू-राजस्व की रकम जमा नहीं करता तो उसकी पूरी जमींदारी नीलाम हो जाती थी।
प्रश्न 15. इस्तमरारी बन्दोबस्त लागू होने के बाद कितनी जमींदारियाँ बेच दी गई ?
उत्तर - 75 प्रतिशत से अधिक जमींदारीयाँ बेच दी गई थी।
प्रश्न 16. जंमीदार अक्सर कर देने मे चूक कयों कर दिया करते थे ?
उत्तर - क्योंकि राजस्व की दर बहुत ज्यादा थी। जमींदारी नीलाम होने पर जमींदार द्वारा अपने ही आदमी से कम बोली लगवाई जाती व उसे खरीद लिया जाता था।
प्रश्न 17. संथाल कौन थे ? उन्होनें अंग्रेजों के खिलाफ़ विद्रोह कयों किया ?
उत्तर - ये भूमिहीन थे। इनको खेती करने को जंगल की जमीन मुफ्त में देकर इनको दामिन-ए-कोह पर बसाया गया था। कर्ज देने की एवज में जमींदार इनकी भूमि पर कब्जा करने लगे व बाद में इन्होंने अत्यधिक कर लेने के कारण अंग्रजों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया।
प्रश्न 18. अंग्रेजों ने संथालो को पहाडिया लोगो की जमीन पर संथाल लोगों को क्यों बसाया ?
उत्तर - पहाड़ी लोग खेती करने, हल चलाने को तैयार नहीं थे । अंग्रेजों को खेती से कर चाहिए था। आय बढानी थी। इसलिये दामिन-ए-कोह भूमि को संथालों को मुफ्त में दी। पर शर्त यह थी कि दस वर्ष में 10% भूमि को खेती योग्य बनाना था।
प्रश्न 19. संथाल लोगों के बसने से कंपनी को क्या लाभ हुआ ?
उत्तर -1832 में इस भूमि को दामि-ए-कोह का नाम दिया गया और इसे संथालो लोगों की भूमि घोषित कर दिया गया। संथालो के गांवों की संख्या 1838 में 40 थी वो 1851 में 1473 हो गई।जनसँख्या 3000 हजार से 82000 हजार हो गई। इससे खेती का बड़ा विस्तार हुआ व कंपनी की आय मे भारी वृद्धि हुई।
प्रश्न 20. ब्रिटिश कंपनी सरकार ने राजमहल की पहाड़ियों पर नियंत्रण करने के लिए कौन सी नीति अपनाई ?
उत्तर - अंग्रेज जंगलों को उजाड़ मानते थे, वनवासियों का सबसे क्रूर, बर्बर ,उपद्रवी व्यवहार, जिन पर शासन करना कठिन था। इसलिए उन्होंने जंगलों का सफाया कर वहां स्थाई कृषि को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया। इसका उद्देश्य राजस्व में वृद्धि व निर्यात के लिए फसल पैदा करना और सभ्य समाज की स्थापना करना था।
प्रश्न 21. पहाड़ी लोग उन मैदानों पर जहां किसान एक स्थान पर बस कर खेती करते थे उन पर आक्रमण कर देते थे। क्या जमीदारों को शांति खरीदनी पड़ रही थी ?
उत्तर - पहाड़िया लोग उन मैदानों पर जहां किसान खेती कर रहे थे इसलिए आक्रमण करते थे क्योंकि वे अभाव में,अकाल में अपने को जीवित रख सके व अपनी ताकत दिखाने के लिए। अतः जमीदार पहाड़ी मुखियों से नियमित रूप से खिराज / धन देकर उनसे शांति खरीदे थे ?
प्रश्न 22.राजमहल की पहाड़ियों में रहने वाले पहाड़ी लोगों को भीतर की ओर अंदर चले जाने को क्यों मजबूर किया गया ?
उत्तर - अपने शत्रु के सैन्य बलों से बचने के लिए वह भूमि चट्टानें अधिक बंजर शुष्क होने के बावजूद भी पहाड़ियों के अंदर चले गए जिससे वे अंग्रेजों के दमन से बच सके। उनके जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ा। उनके चरणों गांव का क्षेत्र संकुचित हो गया वे अंग्रेजी केकरो दमन का शिकार हुए क्योंकि वे अंग्रेजों की बातों को नहीं मान रहे थे और ना ही कोई कर देते थे।
प्रश्न 23. स्थाई बंदोबस्त की असफलता के क्या कारण थे ?
उत्तर - कर की मांग बहुत ज्यादा थी। सूखा पड़ने के कारण ,फसल अच्छी ना होने कारण जमींदार की कर शक्ति राजस्व इकट्ठा करने तक ही सीमित करने के कारण कर जमा नही होता था।
प्रश्न 24. सन 1859 में अंग्रेजों द्वारा परिसीमन कानून क्यों बनाया गया ? उसके प्रभाव की जांच कीजिए।
उत्तर - यह एक ऐसा कानून था जिसमें किसान का ब्याज, मूलधन से अधिक नहीं हो सकता था । इस कानून के अनुसार ऋण दाता और किसान के बीच हस्ताक्षरित ऋण पत्र केवल 3 वर्षों के लिए बाध्य धा।
प्रश्न 25. बंगाल के स्थाई भूमि बंदोबस्त की कोई दो विशेषताएं बताइए ?
उत्तर - जो जमींदार भूमि से कर एकत्रित करते थे उन्हें भूमि का मालिक बना दिया गया। जमींदार कंपनी को निश्चित कर देते थे जिसको बढ़ाया या घटाया नहीं जा सकता था।
प्रश्न 26. किसान साहूकारों से ऋण क्यों लेते थे ?
उत्तर - किसान को अत्यधिक कर देने से साहूकारों से धन की कमी के कारण विवश होकर साहूकारों से ऋण लेना पड़ता था। कभी पारिवारिक कारणों से भी ऋण लेते थे।
प्रश्न 27. स्थाई बंदोबस्त लागू होने से ईस्ट इंडिया
कंपनी को होने वाली दो वित्तीय हानियों का वर्णन करें।
उत्तर - ईस्ट इंडिया कंपनी अब लगान की दर नहीं बढ़ा सकती थी। अब कर की मात्रा निश्चित हो गई। सरकार का किसानों से सीधा संपर्क टूट गया। जमींदार अधिक प्रभावशाली हो गए। वे भूमि के मालिक बन गये। अब किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं था।
प्रश्न 28. बंगाल में स्थाई बंदोबस्त लागू होने से जमीदारों ने किसानों का शोषण किस प्रकार से किया ?
उत्तर - जमींदार किसानों से लगान की दर बढ़ा देते थे।अकाल व सूखा पड़ने पर भी कोई सहायता नहीं देते थे और उनसे कर वसूलने का तरीका गलत था। वे कठोर व्यवहार कर रहे थे।
प्रश्न 29. साहूकार किसानों की निर्धनता का कारण कैसे बने हुऐ थे ?
उत्तर - साहुकार ऋण वसूली के लिए उचित या अनुचित तरीकों को अपनाकर उनका शोषण करते थे। अत्यधिक ब्याज दर होने से वे ॠण नहीं चुका पाते थे। परिणामस्वरूप किसान निर्धन होते चले गए व साहुकार उनकी भूमि पर कब्जा कर लेते थे।
प्रश्न 30. उस समय का किसानों का इतिहास लिखते समय सरकारी स्रोतों के उपयोग में क्या समस्याएं आती हैं।
उत्तर - अधिकतर सरकारी स्रोत सरकार की जरूरत के हिसाब से लिखे गए थे जो बहुत सीमित मात्रा में मिले हैं। सरकार जमींदारों से ही कर लेती थी। उसे किसानों से कोई मतलब नहीं था। साहूकार का बहीखाता का कोई रिकॉर्ड नहीं है। किसानों की समस्याओं का कहीं जिक्र नहीं मिलता है।
प्रश्न 1. इस्तमरारी बंदोबस्त क्या था ? इस बंदोबस्त को लागू करने से ईस्ट इंडिया कंपनी को क्या फायदा हुआ ?
उत्तर 1765 ई. में जब अंग्रेजी कंपनी को बंगाल, उड़ीसा, बिहार की दिवानी का अधिकार प्राप्त हुआ तो भू -राजस्व को लागू किया गया। पर 1793 मे बंगाल,बिहार में लागू किया। इसे किसान से वसूला जाता था। इस कर प्रणाली को इस्तमरारी भूमि स्थाई बन्दोबस्त कहा जाता था। इस्तमरारी बंदोबस्त को सबसे पहले ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल में लागू किया। इसमें कंपनी ने राजस्व के नाम पर कर की राशि निश्चित कर दी थी। अगर जमींदार इस राशि को नहीं चुका पाता तो उस जमींदार की जमींदारी/संपदा को नीलाम कर दिया जाता था।
प्रश्न 2. ईस्ट इंडिया कंपनी ने औपनिवेशिक शासन सर्वप्रथम कहां स्थापित किया ? ग्रामीण समाज को पुनव्यवस्थित करने के लिए कौन-सी नई व्यवस्था लागू की ?
उत्तर- ईस्ट इंडिया कंपनी ने सर्वप्रथम औपनिवेशिक शासन बंगाल में स्थापित किया। यद्यपि यह कंपनी
व्यापार के लिए स्थापित की गई थी। इस कंपनी ने औपनिवेशिक शासन को स्थाई रखने के लिये इन्होंने भूमि संबंधी अधिकारों की नई व्यवस्था को लागू किया। इसे इस्तमरारी भूमि बंदोबस्त व्यवस्था कहते हैं।
प्रश्न 3. पहाड़िया लोगों का जनजीवन किस प्रकार का था। स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर - पहाड़िया लोग राजमहल की पहाड़ियों की तलहटी में रहते थे। वे केवल अपने लिये ही दाल, ज्वार, धान ,बाजरा उगाते थे। पहाड़िया लोग खाने के लिए महुआ के फूल इकठ्ठे करते थे, बेचने के लिए रेशम के कीड़े पालते और राल इकट्ठा करते, लकड़ी का कोयला बनाने के लिए लकड़ी इकट्ठा करते, शिकार करते, झूम खेती करते व जंगलों से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए थे। ईमली के पेड के नीचे झोपङी बनाकर रहते थे। आम के पेड़ की छाया मे आराम करते थे। पूरे प्रदेश को ही निजी भूमि मानते थे। मुखिया एकता बनाये रखने के लिए, झगड़े निपटाने के लिए काम करता था। ये अकाल में और अपने को जीवित रखने के लिये ,व अपनी ताकत दिखाने के लिए आक्रमण करते थे। जमीदारों से नियमित रूप खिराज से लेते थे। इनके द्वारा धन लेकर व्यापारियों को जंगल से आने व जाने की अनुमति दी जाती थी।
प्रश्न 4. बुकानन कौन था ? उसका क्या कार्य था ? उसके लिखे पर विश्वास क्यों नहीं किया जा सकता ?
उत्तर - बुकानन ने जो विवरण दिया था उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि वह कंपनी का अधिकारी था। वह कंपनी के सर्वेक्षण के उद्देश्य से ही यात्रा करता था। बुकानन को साफ हिदायतें दी गई थी कि उसे क्या देखना है, क्या खोजना है, किस बारे में लिखना है। वह फौज के साथ गांव में जाता और कंपनी के एजेंट के रूप में काम करता था। जब कंपनी नेअपने को मजबूत बना लिया तो फिर वह संसाधनों की खोज में लग गई। इसमें उसने बुकानन को लगाया। बुकानन ने पत्थर, चट्टान, भूमि ,खनिज का पता लगाया, भूमि के बारे में किस प्रकार से फेरबदल करके उत्पादन बढ़ाया जा सकता है ,कौन सी फसल उगाई जा सकती है, कौन से पेड़ काटे जा सकते हैं, कौन से लगाए जा सकते हैं। इस प्रकार से वो कंपनी के फायदे के लिए काम करता था। इसके बदले कंपनी उसको वेतन देती थी।
प्रश्न 5. इस्तमरारी बंदोबस्त लागू होने पर भी ईस्ट इंडिया कंपनी को क्या नुकसान हुआ ?
उत्तर - इस्तमरारी बंदोबस्त बंगाल के राजा, तालुकदार के साथ लागू किया गया। लागू होने के बाद भी जमींदार कर देने में असफल रहे। 75% से अधिक जमींदारीयाँ हस्तांतरित की गई । नीलामी के दौरान भी राजा के, तालुकदार के, जमीदार के लोग ही नीलामी मे बोली लगाते थे। जमींदारी महिलाओं के नाम पर कर देते थे। महिलाओं के नाम पर भूमि की नीलामी नहीं हो सकती थी। क्योंकि बार-बार अकाल पङ रहे थे, किसान खुद भूखमरी के शिकार हो रहे थे। खेती की पैदावार घट रही थी, कृषि में निवेश कम था। जमींदार भूस्वामी नहीं थे बल्कि राज्य के कर संग्राहक थे । इनके अधीन 100 से 400 गांव तक होते थे। इस कारण कंपनी को कर का नुकसान हुआ।
प्रश्न 6. ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहाड़ीया लोगों के दमन के लिए क्या किया ? वे ऐसा करना क्यों चाहते थे ?
उत्तर - ईस्ट इंडिया कंपनी अपनी आय बढ़ाने के प्रयास में लगी थी। इसलिये अंग्रेजों की ये कोशिश थी कि ज्यादा से ज्यादा भूमि पर खेती हो, पर पहाड़ी लोग बाहरी लोगों पर हमला कर, उनके अनाज ,पशु छिन कर ले जाते थे। खेती करने व जंगल को काटने को तैयार नहीं थे। 1770 में अंग्रेज अधिकारियों ने पहाड़ियों को मारने और उनका नरसंहार करने का फैसला किया। सन 1780 में भागलपुर के कलेक्टर अगस्टस क्वींसलैंड ने पहाङी मुखियाओं को भत्ता देने व इनको अपने लोगों को नियंत्रण रखने के लिए कहा लेकिन बहुत से पहाड़ी मुखिया ने अंग्रेजों से भत्ता लेने से मना कर दिया, जिन्होने भत्ता लिया वे अपनी सत्ता को खो बैठे। पहाड़ी लोग अंग्रेजी सेना से बचने के लिए और बाहरी लोगों पर आक्रमण करने के लिए अंदर ही अंदर पहाड़ियों में चले गए। इसलिये अंग्रजों ने वहां संथालों को बसाने का निर्णय लिया।
प्रश्न 7. पांचवी रिपोर्ट क्या थी ? ब्रिटिश प्रशासन ने इस रिपोर्ट पर क्या कार्य किया ?
उत्तर - 1813 में ब्रिटिश प्रशासन व ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में चर्चा की गई। ब्रिटेन में कई समूहो ने कंपनी के एकाधिकार का विरोध किया। उनका विचार था की बंगाल से कंपनी को ही लाभ हो रहा है न कि पूरे ब्रिटेन को । कंपनी के अधिकारीयों के प्रशासन में भ्रष्टाचार व लालच की घटनाये समाचार पत्रों में खुले तौर पर छपती थी। अतः ब्रिटिश पार्लियामेंट में ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रशासन को नियमित व नियंत्रित करने के लिए विभिन्न एक्ट पारित किए गए।
प्रश्न 8. जोतदार जमीदारों से अधिक शक्तिशाली क्यों हो गए थे ?
उत्तर - जब जमींदार कठिनाई का सामना कर रहे थे तब कुछ धनी किसान वर्ग जिन्हें जोतदार कहा जाता था बड़ी भूमि का स्वामी बन चुके थे। वे गरीब किसानों की सहायता करते थे। जोतदार गांव में रहते थे व गरीब किसानों पर सीधा नियंत्रण रखते थे। वे जमींदारों के अधिकारियों को कर्तव्य पालन करने से रोकते थे । किसानों को अपने पक्ष में एक जूट रखते थे किसानों को जानबूझकर जमीदारों को कर देने में देरी करवाते थे और न कर देते थे जमीदार की समय पर कर ना भुगतान करने से कंपनी द्वारा उसकी संपत्ति को नीलाम किया जाता था। जोतदार वह भूमि खरीदकर जमींदार बन जाते थे।
प्रश्न 9 संथाल कौन थे ? उन्होंने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध विद्रोह क्यों किया ?
उत्तर संथाल लोग 1780 से बंगाल से पहुंचना शुरू हो गए थे वे जंगलों को साफ कर कृषि योग्य भूमि बनाने का काम करने लगे कंपनी के अधिकारियों ने को राज महल के पहाड़ियों के पास बसने का निमंत्रण दिया जहाँ पहाड़ी लोग हल को हाथ लगाने तक तैयार नहीं थे। इसके विपरीत संथाल जंगलों को साफ कर पूरी शक्ति से खेती करना चाहते थे। राजमहल की तलहटी पर संथालों को भूमि का बड़ा भाग दिया गया। 1832 तक क्षेत्र को दामिनी ए कोह के रूप में निश्चित किया गया और उन्हें सीमाओं के भीतर रहकर खेती करने को कहा गया 10 वर्ष के भीतर उन्हें 10% भाग को खेती योग्य बनाना था 1838 में जहां दामिना ए कोह में 40 गांव संथालों के थे जो 1851 में 1473 हो गये वहीं इनकी संख्या 3000 से बढ़कर 82000 हो गई अंग्रेजो ने संथाली लोगों द्वारा साफ की गई भूमि पर अब सरकार ने भारी कर लगा दिया। उधार पर साहुकार भारी ब्याज ले रहे थे। यदि किसान उधार की गई राशि देने में असफल रहे तो उनसे भूमि छीन ली जाती जमीदारों का दामिन ए कोह में नियंत्रण बढ़ता जा रहा था।1856 में संथालो ने विद्रोह कर दिया कंपनी के सिपाहियों ने घेरे में लेकर विद्रोहियों को जंजीरों में डालकर जेल में डाल दिया।संथालों की तलाशी ली गई पकड़कर उनके गांव में आग लगा दी जाती। अंग्रेजों ने इनके लिए भागलपुर और वीर भूमि जिलों से कुछ भाग काटकर संथाल परगना का निर्माण भी किया जिसका कुल क्षेत्रफल 5500 वर्ग मीटर था ताकि उनको संतुष्ट किया जा सके।
उत्तर 1765 ई. में जब अंग्रेजी कंपनी को बंगाल, उड़ीसा, बिहार की दिवानी का अधिकार प्राप्त हुआ तो भू -राजस्व को लागू किया गया। पर 1793 मे बंगाल,बिहार में लागू किया। इसे किसान से वसूला जाता था। इस कर प्रणाली को इस्तमरारी भूमि स्थाई बन्दोबस्त कहा जाता था। इस्तमरारी बंदोबस्त को सबसे पहले ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल में लागू किया। इसमें कंपनी ने राजस्व के नाम पर कर की राशि निश्चित कर दी थी। अगर जमींदार इस राशि को नहीं चुका पाता तो उस जमींदार की जमींदारी/संपदा को नीलाम कर दिया जाता था।
प्रश्न 2. ईस्ट इंडिया कंपनी ने औपनिवेशिक शासन सर्वप्रथम कहां स्थापित किया ? ग्रामीण समाज को पुनव्यवस्थित करने के लिए कौन-सी नई व्यवस्था लागू की ?
उत्तर- ईस्ट इंडिया कंपनी ने सर्वप्रथम औपनिवेशिक शासन बंगाल में स्थापित किया। यद्यपि यह कंपनी
व्यापार के लिए स्थापित की गई थी। इस कंपनी ने औपनिवेशिक शासन को स्थाई रखने के लिये इन्होंने भूमि संबंधी अधिकारों की नई व्यवस्था को लागू किया। इसे इस्तमरारी भूमि बंदोबस्त व्यवस्था कहते हैं।
प्रश्न 3. पहाड़िया लोगों का जनजीवन किस प्रकार का था। स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर - पहाड़िया लोग राजमहल की पहाड़ियों की तलहटी में रहते थे। वे केवल अपने लिये ही दाल, ज्वार, धान ,बाजरा उगाते थे। पहाड़िया लोग खाने के लिए महुआ के फूल इकठ्ठे करते थे, बेचने के लिए रेशम के कीड़े पालते और राल इकट्ठा करते, लकड़ी का कोयला बनाने के लिए लकड़ी इकट्ठा करते, शिकार करते, झूम खेती करते व जंगलों से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए थे। ईमली के पेड के नीचे झोपङी बनाकर रहते थे। आम के पेड़ की छाया मे आराम करते थे। पूरे प्रदेश को ही निजी भूमि मानते थे। मुखिया एकता बनाये रखने के लिए, झगड़े निपटाने के लिए काम करता था। ये अकाल में और अपने को जीवित रखने के लिये ,व अपनी ताकत दिखाने के लिए आक्रमण करते थे। जमीदारों से नियमित रूप खिराज से लेते थे। इनके द्वारा धन लेकर व्यापारियों को जंगल से आने व जाने की अनुमति दी जाती थी।
प्रश्न 4. बुकानन कौन था ? उसका क्या कार्य था ? उसके लिखे पर विश्वास क्यों नहीं किया जा सकता ?
उत्तर - बुकानन ने जो विवरण दिया था उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि वह कंपनी का अधिकारी था। वह कंपनी के सर्वेक्षण के उद्देश्य से ही यात्रा करता था। बुकानन को साफ हिदायतें दी गई थी कि उसे क्या देखना है, क्या खोजना है, किस बारे में लिखना है। वह फौज के साथ गांव में जाता और कंपनी के एजेंट के रूप में काम करता था। जब कंपनी नेअपने को मजबूत बना लिया तो फिर वह संसाधनों की खोज में लग गई। इसमें उसने बुकानन को लगाया। बुकानन ने पत्थर, चट्टान, भूमि ,खनिज का पता लगाया, भूमि के बारे में किस प्रकार से फेरबदल करके उत्पादन बढ़ाया जा सकता है ,कौन सी फसल उगाई जा सकती है, कौन से पेड़ काटे जा सकते हैं, कौन से लगाए जा सकते हैं। इस प्रकार से वो कंपनी के फायदे के लिए काम करता था। इसके बदले कंपनी उसको वेतन देती थी।
प्रश्न 5. इस्तमरारी बंदोबस्त लागू होने पर भी ईस्ट इंडिया कंपनी को क्या नुकसान हुआ ?
उत्तर - इस्तमरारी बंदोबस्त बंगाल के राजा, तालुकदार के साथ लागू किया गया। लागू होने के बाद भी जमींदार कर देने में असफल रहे। 75% से अधिक जमींदारीयाँ हस्तांतरित की गई । नीलामी के दौरान भी राजा के, तालुकदार के, जमीदार के लोग ही नीलामी मे बोली लगाते थे। जमींदारी महिलाओं के नाम पर कर देते थे। महिलाओं के नाम पर भूमि की नीलामी नहीं हो सकती थी। क्योंकि बार-बार अकाल पङ रहे थे, किसान खुद भूखमरी के शिकार हो रहे थे। खेती की पैदावार घट रही थी, कृषि में निवेश कम था। जमींदार भूस्वामी नहीं थे बल्कि राज्य के कर संग्राहक थे । इनके अधीन 100 से 400 गांव तक होते थे। इस कारण कंपनी को कर का नुकसान हुआ।
प्रश्न 6. ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहाड़ीया लोगों के दमन के लिए क्या किया ? वे ऐसा करना क्यों चाहते थे ?
उत्तर - ईस्ट इंडिया कंपनी अपनी आय बढ़ाने के प्रयास में लगी थी। इसलिये अंग्रेजों की ये कोशिश थी कि ज्यादा से ज्यादा भूमि पर खेती हो, पर पहाड़ी लोग बाहरी लोगों पर हमला कर, उनके अनाज ,पशु छिन कर ले जाते थे। खेती करने व जंगल को काटने को तैयार नहीं थे। 1770 में अंग्रेज अधिकारियों ने पहाड़ियों को मारने और उनका नरसंहार करने का फैसला किया। सन 1780 में भागलपुर के कलेक्टर अगस्टस क्वींसलैंड ने पहाङी मुखियाओं को भत्ता देने व इनको अपने लोगों को नियंत्रण रखने के लिए कहा लेकिन बहुत से पहाड़ी मुखिया ने अंग्रेजों से भत्ता लेने से मना कर दिया, जिन्होने भत्ता लिया वे अपनी सत्ता को खो बैठे। पहाड़ी लोग अंग्रेजी सेना से बचने के लिए और बाहरी लोगों पर आक्रमण करने के लिए अंदर ही अंदर पहाड़ियों में चले गए। इसलिये अंग्रजों ने वहां संथालों को बसाने का निर्णय लिया।
प्रश्न 7. पांचवी रिपोर्ट क्या थी ? ब्रिटिश प्रशासन ने इस रिपोर्ट पर क्या कार्य किया ?
उत्तर - 1813 में ब्रिटिश प्रशासन व ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में चर्चा की गई। ब्रिटेन में कई समूहो ने कंपनी के एकाधिकार का विरोध किया। उनका विचार था की बंगाल से कंपनी को ही लाभ हो रहा है न कि पूरे ब्रिटेन को । कंपनी के अधिकारीयों के प्रशासन में भ्रष्टाचार व लालच की घटनाये समाचार पत्रों में खुले तौर पर छपती थी। अतः ब्रिटिश पार्लियामेंट में ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रशासन को नियमित व नियंत्रित करने के लिए विभिन्न एक्ट पारित किए गए।
प्रश्न 8. जोतदार जमीदारों से अधिक शक्तिशाली क्यों हो गए थे ?
उत्तर - जब जमींदार कठिनाई का सामना कर रहे थे तब कुछ धनी किसान वर्ग जिन्हें जोतदार कहा जाता था बड़ी भूमि का स्वामी बन चुके थे। वे गरीब किसानों की सहायता करते थे। जोतदार गांव में रहते थे व गरीब किसानों पर सीधा नियंत्रण रखते थे। वे जमींदारों के अधिकारियों को कर्तव्य पालन करने से रोकते थे । किसानों को अपने पक्ष में एक जूट रखते थे किसानों को जानबूझकर जमीदारों को कर देने में देरी करवाते थे और न कर देते थे जमीदार की समय पर कर ना भुगतान करने से कंपनी द्वारा उसकी संपत्ति को नीलाम किया जाता था। जोतदार वह भूमि खरीदकर जमींदार बन जाते थे।
प्रश्न 9 संथाल कौन थे ? उन्होंने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध विद्रोह क्यों किया ?
उत्तर संथाल लोग 1780 से बंगाल से पहुंचना शुरू हो गए थे वे जंगलों को साफ कर कृषि योग्य भूमि बनाने का काम करने लगे कंपनी के अधिकारियों ने को राज महल के पहाड़ियों के पास बसने का निमंत्रण दिया जहाँ पहाड़ी लोग हल को हाथ लगाने तक तैयार नहीं थे। इसके विपरीत संथाल जंगलों को साफ कर पूरी शक्ति से खेती करना चाहते थे। राजमहल की तलहटी पर संथालों को भूमि का बड़ा भाग दिया गया। 1832 तक क्षेत्र को दामिनी ए कोह के रूप में निश्चित किया गया और उन्हें सीमाओं के भीतर रहकर खेती करने को कहा गया 10 वर्ष के भीतर उन्हें 10% भाग को खेती योग्य बनाना था 1838 में जहां दामिना ए कोह में 40 गांव संथालों के थे जो 1851 में 1473 हो गये वहीं इनकी संख्या 3000 से बढ़कर 82000 हो गई अंग्रेजो ने संथाली लोगों द्वारा साफ की गई भूमि पर अब सरकार ने भारी कर लगा दिया। उधार पर साहुकार भारी ब्याज ले रहे थे। यदि किसान उधार की गई राशि देने में असफल रहे तो उनसे भूमि छीन ली जाती जमीदारों का दामिन ए कोह में नियंत्रण बढ़ता जा रहा था।1856 में संथालो ने विद्रोह कर दिया कंपनी के सिपाहियों ने घेरे में लेकर विद्रोहियों को जंजीरों में डालकर जेल में डाल दिया।संथालों की तलाशी ली गई पकड़कर उनके गांव में आग लगा दी जाती। अंग्रेजों ने इनके लिए भागलपुर और वीर भूमि जिलों से कुछ भाग काटकर संथाल परगना का निर्माण भी किया जिसका कुल क्षेत्रफल 5500 वर्ग मीटर था ताकि उनको संतुष्ट किया जा सके।
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