अध्याय 13- महत्मा गांधी और राष्ट्रीय आन्दोलन
प्राध्यापक इतिहास A block Janakpuri
प्रश्न 1. वे तीन नेता कौन थे जिनका नाम उनके संघर्ष के भारतीय चरित्र की जानकारी देता है ?
उत्तर- लाल-बाल-पाल ( लाला लाजपत राय ,बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल )
प्रश्न 2. गोखले ने गांधी जी को क्या परामर्श दिया और क्यों ?
उत्तर गोखले ने गांधी जी को एक वर्ष तक ब्रिटिश भारत की यात्रा करने का परामर्श दिया जिससे कि वे इस भूमि और इसके लोगों को जान सके।
प्रश्न 3. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में दिए गए गांधी जी के भाषण का महत्व बताइए।
उत्तर -
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में दिया गया गांधीजी का भाषण महत्वपूर्ण था क्योंकि इसमें गांधीजी ने मजदूर गरीबों की ओर ध्यान न देने के कारण भारतीय विशिष्ट वर्ग की आलोचना की थी। उन्होंने वहां पर धनी लोगों की उपस्थिति और गरीबों की अनुपस्थिति पर चिंता व्यक्त की थी।
प्रश्न 4. 1917-18 में गांधी जी ने कौन से अभियानों/आंदोलनों को चलाया ?
उत्तर -
1917 में गांधी जी ने चंपारण में किसानों के लिए काश्तकारी की सुरक्षा के साथ-साथ अपने पसंद की फसल उगाने की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।
1918 में गुजरात में दो अभियानों में सलंगन रहे-
(क) अहमबाद में कपड़ा मिलों में श्रम विवाद में काम करने वालों के लिए बेहतर स्थितियों की मांग करना।
(ख) खेड़ा में फसल चौपट होने पर राज्य से किसानों का लगान माफ करने की मांग करना।
प्रश्न 5. खिलाफ़त आंदोलन क्या था ?
उत्तर - खिलाफ़त आंदोलन (1919 1920) शौकत अली और मुहम्मद अली के नेतृत्व में भारतीय मुसलमानों का एक आंदोलन था। इस आंदोलन की निम्न मांगे थी -
(i) पहले के ऑटोमन साम्राज्य के समस्त इस्लामी पवित्र स्थलों पर तुर्की सुल्तान या खलीफा का नियंत्रण बना रहेl
(ii) जजीरात-उल-अरब (अरब, इराक, सीरिया, फिलिस्तीन) इस्लामी संप्रभुता के अधीन रहे और खलीफा के पास इतने स्थान हों कि इस्लामी विश्वास को सुरक्षित करने के लायक बन सके।
(iii) कांग्रेस ने इस आंदोलन का समर्थन किया तथा गांधी जी ने असहयोग आंदोलन के साथ मिलाने का प्रयत्न किया।
प्रश्न 6. प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस क्या था ?/ प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस का आह्वान किसने,कब तथा क्यों किया था ?
उत्तर - "प्रत्यक्ष करवाई दिवस" का आह्वान जिन्ना ने अलग इस्लामिक राष्ट्र, पाकिस्तान की स्थापना के लिए लीग की मांग के समर्थन में किया। इसके लिए 16 अगस्त 1946 का दिन निश्चित किया गया था। उस दिन कोलकाता में खूनी संघर्ष शुरू हो गया। यह हिंसा कोलकाता से शुरू होकर ग्रामीण बंगाल, बिहार और संयुक्त प्रांत व पंजाब तक फैल गई। कुछ स्थानों पर मुसलमानों को तो कुछ अन्य स्थानों पर हिंदुओं को निशाना बनाया।
प्रश्न 7. असहयोग आंदोलन कब आरंभ हुआ और क्यों चलाया गया ? इसके स्थगित करने के कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर - असहयोग आंदोलन गांधी जी द्वारा 1 अगस्त 1920 को शुरू किया गया। सितंबर 1920 के कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गांधी जी ने खिलाफत आंदोलन के समर्थन और असहयोग आंदोलन को प्रारंभ करने के लिए नेताओं की सहमति प्राप्त कर ली थी। इसके पश्चात दिसंबर 1920 में कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में असहयोग कार्यक्रम को स्वीकार कर लिया गया।
असहयोग आंदोलन के कारण तथा परिस्थितियां
(i) प्रथम विश्व युद्ध
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीयों ने अंग्रेजों को सहयोग दिया था ताकि युद्ध के पश्चात वे भारतीयों के हितों की रक्षा करेंगे। परंतु युद्ध के बाद अंग्रेजों ने ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की।
(ii) रौलट एक्ट
1914-18 के विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों ने प्रेस पर प्रतिबंध लगा दिया था और बिना जांच के कारावास की अनुमति दे दी थी। बाद में कठोर उपायों को जारी रखने के लिए सर सिडनी राॅलेट की अध्यक्षता वाली समिति के सुझाव पर भारतीयों के विरोध के बावजूद रोलट एक्ट पास कर दिया गया।
(iii) रोलेट सत्याग्रह
पंजाब में बहुत से लोगों ने प्रथम विश्व युद्ध में अंग्रेजो का पक्ष लिया था और अपनी सेवा के बदले इनाम की आशा करते थे परंतु राॅलेट कानून के पश्चात वे सरकार के विरुद्ध हो गए और पंजाब में इसका कड़ा विरोध किया गया। पंजाब जाते समय गांधी जी को कैद कर लिया गया।
(iv) जलियांवाला बाग हत्याकांड
पंजाब में राॅलेट कानून के विरोध में प्रदर्शन और हड़तालें हुईं। 13 अप्रैल 1919 को जनरल डायर द्वारा जलियांवाला बाग में एक राष्ट्रवादी सभा पर गोली चलाने से 400 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई।
इस प्रकार विश्व युद्ध की समाप्ति पर भारतीयों के हितों की रक्षा न करना, राॅलेट एक्ट कानून, जलियांवाला बाग हत्याकांड, कांग्रेस द्वारा स्वराज्य की प्राप्ति का प्रस्ताव वे मुख्य घटनाएं थी जिनके परिणामस्वरूप असहयोग आंदोलन चलाया गया।
कार्यक्रम:-
विद्यार्थियों द्वारा स्कूलों कालेजों का बहिष्कार करना
शिक्षकों द्वारा त्यागपत्र देना
वकीलों द्वारा मुकदमा लड़ने से इनकार करना
प्रांतीय परिषदों के चुनाव का बहिष्कार
विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार
शराब की दुकानों की पिकेटिंग करना
श्रमिक वर्ग द्वारा हड़ताल करना
ग्रामीण क्षेत्र में वन्य कानून की अवहेलना करना
सरकार की नीति:-
सरकार ने हजारों आंदोलनकर्ताओं को गिरफ्तार किया। गांधी जी को भी मार्च 1922 में गिरफ्तार किया गया। उन पर मुकदमा चलाकर 6 वर्ष के कारावास की सजा दी गई।
आंदोलन को स्थगित करने का कारण:-
फरवरी 1922 में कृषकों के एक समूह ने संयुक्त प्रांत के गोरखपुर जिले की चोरी-चोरा पुरवा में एक पुलिस स्टेशन पर हमला कर आग लगा दी। 22 पुलिस वालों को जीवित जलाने की घटना के पश्चात इस आंदोलन को स्थगित कर दिया गया।
प्रश्न 8. राॅलेट एक्ट क्या था ? उसकी दो संस्तुतियाँ बताइए।
उत्तर - रौलट एक्ट (काला कानून ) मार्च 1919 में भारत की ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में उभर रहे राष्ट्रीय आंदोलनों को कुचलने के उद्देश्य से निर्मित कानून था। यह कानून सर सिडनी राॅलेट की अध्यक्षता वाली सेडिशन समिति की सिफारिशों के आधार पर बनाया गया था।
रोलेट एक्ट की दो संस्तुतियाँ:-
इसके अनुसार ब्रिटिश सरकार को यह अधिकार प्राप्त हो गया था कि वह किसी भी भारतीय पर अदालत में बिना मुकदमा चलाए उसे जेल में बंद कर सके।
इस कानून के तहत अपराधी को उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने वाले का नाम जानने का अधिकार भी समाप्त कर दिया गया था। इस कानून के विरोध में देशव्यापी हड़ताल जुलूस और प्रदर्शन होने लगे।
प्रश्न 9. गोलमेज सम्मेलनों पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर - गांधीजी की नमक यात्रा (दांडी यात्रा) के कारण अंग्रेजों को यह अनुभव हुआ था कि अब उनका शासन बहुत समय नहीं टिक सकेगा और उन्हें भारतीयों को भी सत्ता में हिंसा देना पड़ेगा। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अंग्रेजी सरकार ने लंदन में गोलमेज सम्मेलनों का आयोजन आरंभ किया।
प्रथम गोलमेज सम्मेलन नवंबर 1930 में आयोजित किया गया जिसमें देश के मुख्य नेता सम्मिलित नहीं हुए। इस कारण अंततः यह बैठक निरर्थक सिद्ध हुई।
दूसरा गोलमेज सम्मेलन 1931 के आखिर में लंदन में आयोजित हुआ। उसमें गांधीजी कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे थे। गांधी जी का कहना था कि उनकी पार्टी पूरे भारत का प्रतिनिधित्व करती है।
दूसरे गोलमेज सम्मेलन की असफलता के कारण
इस दावे को तीन पार्टियों ने चुनौती दी। मुस्लिम लीग का कहना था कि वह मुस्लिम अल्पसंख्यकों के हित में काम करती है।
राजे रजवाड़ों का दावा था कि कांग्रेस का उनके नियंत्रण वाले भू-भाग पर कोई अधिकार नहीं है।
तीसरी चुनौती तेज-तर्रार वकील और विचारक बी आर अंबेडकर की तरफ से थी जिनका कहना था कि गांधी जी और कांग्रेस पार्टी निचली जातियों का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
उपरोक्त कारणों से लंदन में हुआ यह सम्मेलन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका और गांधीजी को खाली हाथ लौटना पड़ा।
प्रश्न 10. ब्रिटेन में 1945 में किस दल की सरकार बनी और उनका भारत के प्रति दृष्टिकोण क्या था ?
उत्तर:-
(का) ब्रिटेन में 1945 में लेबर पार्टी की सरकार बनी।
(ख) लेबर पार्टी की सरकार भारतीय स्वतंत्रता के पक्ष में थी ?
प्रश्न 11. कैबिनेट मिशन भारत कब आया ? उसका मुख्य सुझाव क्या था ?
उत्तर -
कैबिनेट मिशन 1946 की गर्मियों में भारत आया।
इसका मुख्य सुझाव एक संघीय व्यवस्था थी जिसमें विभिन्न प्रांतों को सीमित स्वायत्तता दी जा सकती थी।
प्रश्न 12. 1929 में दिसंबर के अंत में लाहौर में होने वाला कांग्रेस का अधिवेशन क्यों महत्वपूर्ण था ?
उत्तर -1929 का कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन निम्न दो कारणों से महत्वपूर्ण था -
इसके अध्यक्ष पद पर जवाहरलाल नेहरू का चुनाव जिसको युवा पीढ़ी को नेतृत्व की छड़ी सोंपने का प्रतीक माना जाता था।
इस अधिवेशन में 'पूर्ण स्वराज' अथवा पूर्ण स्वतंत्रता का प्रस्ताव पास किया गया। अब तक कांग्रेस अधिराज्य की स्थिति की मांग करती आ रही थी।
प्रश्न 13. साइमन कमीशन भारत क्यों आया एवं इसका विरोध क्यों किया गया ?
उत्तर साइमन कमीशन भारत क्यों आया
1919 के भारत शासन अधिनियम में कहा गया था, कि अधिनियम के पारित होने के 10 वर्ष बाद एक संवैधानिक आयोग की नियुक्ति की जाएगी। जो इस बात की जांच करेगा कि अधिनियम व्यवहार में कहां तक सफल रहा है। तथा भारत उत्तरदायी शासन की दिशा में कहां तक प्रगति करने की स्थिति मेंहै।
आयोग की नियुक्ति के 10 वर्ष बाद की जानी थी। लेकिन ब्रिटेन सरकार ने 2 वर्ष पूर्व ही साइमन कमीशन की नियुक्ति कर दी। क्योंकि उसे यह आशंका थी कि 2 वर्ष बाद लेबर दल की सरकार भारत समर्थक सदस्यों वाले वैधानिक आयोग की नियुक्ति कर सकती है।
जिस समय साइमन कमीशन की नियुक्ति की गई उस समय भारत में राजनीतिक वातावरण क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण भयानक उत्तेजना पूर्ण था। 1926-27 में सांप्रदायिकता के कारण दंगा और खून खराब हो रहा था।
साइमन कमीशन का गठन
सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में गठित आयोग में कुल 7 सदस्य थे। 8 नवम्बर 19 27 को की स्थापना की घोषणा हुई। क्योंकि इसके सभी सदस्य अंग्रेज थे, इसलिए अ सभी कांग्रेसियों ने इसे श्वेत कमीशन कहा।
साइमन कमीशन के विरोध के कारण
इस आयोग का कार्य इस बात की सिफारिश करना था कि क्या भारत इस योग्य हो गया हैकि यहां के लोगों को और संवैधानिक अधिकार दिए जाएं। परंतु इस आयोग में किसी भी भारतीय को शामिल नहीं किया गया जिसके कारण भारत में इस आयोग का विरोध हुआ।
प्रश्न 14. महात्मा गांधी ने खुद को आम लोगों जैसा दिखाने के लिए क्या किया ?
उत्तर -
महात्मा गांधी ने खुद को आम लोगों जैसा बनाने के लिए अपना सिर मुंडवा लिया।
गरीबों के साथ अपना तारतम्य स्थापित करने के लिए उन्होंने सूती वस्त्र पहनना शुरू कर दिया।
गांधी जी ने आम लोगों की तरह वस्त्र पहनना शुरू किया और उन्हीं लोगों के साथ रहने लगे।
वे आम लोगों की भाषा बोलते थे।
वे अन्य नेताओं की तरह सामान्य जनसमूह से अलग नहीं खड़े होते थे।
जहाँ राष्ट्रवादी नेता पश्चिमी शैली के सूट पहनते थे वहीं गांधीजी लोगों के बीच एक साधारण धोती में जाते थे।
प्रतिदिन का कुछ हिस्सा वे चरखा चलाने में भी बताते थे।
No comments:
Post a Comment