Saturday, December 12, 2020

अध्याय 11 विद्रोही और राज

1857 का आंदोलन और उसके व्याखान

प्रश्न 1. 10 मई 1857 के विद्रोह का आरम्भ कहाँ से हुआ ?

उत्तर- मेरठ  छावनी से।


प्रश्न  2. विद्रोही सैनिकों का जत्था  दिल्ली के लालकिले पर कब पहुंचा ?

उत्तर- 11 मई 1857 को। 


प्रश्न 3. दिल्ली पहुँचकर विद्रोहियों ने विद्रोह का नेतृत्व करने के लिए किस को मनाया ?

उत्तर - अंतिम मुगल बादशाह बहादुर


प्रश्न 4. वाजिद अली शाह कहाँ का नवाब था ?

उत्तर - अवध का।


प्रश्न 5. बंगाल आर्मी की पौधशाला किसे कहा जाता था ?

उत्तर - अवध को।

प्रश्न 6. 1857 की क्रांति के तात्कालीक कारण क्या थे ?

उत्तर- चर्बी वाले कारतूस।

प्रश्न 7. 1851 में लॉर्ड डलहौजी ने कहा था कि "यह गिलास का फल एक दिन मेरे मुंह में आकर ही गिरेगा।" यह किसके लिए कहा था ?

उत्तर - अवध के लिये।

प्रश्न 8.  अवध रियासत को औपचारिक रूप से ब्रिटिश साम्राज्य में कब मिला लिया गया ?

उत्तर - 1856 में ,जब वाजिद अली शाह को कोलकाता निर्वासित कर दिया।

प्रश्न 9. 1857 के विद्रोह में उत्तर प्रदेश के बड़ौत परगना के गांव वालों को किसने संगठित किया ?

उत्तर - शाहमल ने। 

प्रश्न 10. कानपुर में विद्रोहियों का नेतृत्व किसने किया?

उत्तर - नाना साहब ने।

प्रश्न 11. बिहार में विद्रोहियों के नेता कौन थे ?

उत्तर - आरा के कुँवर सिंह।


प्रश्न 12. सती प्रथा को बन्द करने के लिए लार्ड विलियम बैंटिक ने कब कानून बनाया?

उत्तर- 1829 में।


प्रश्न 13. विद्रोहियों ने अपने संदेश को फैलाने के लिये क्या - क्या तरीके अपनाये ?

उत्तर- चपातियाँ बांटना, तोप दागना, बिगुल बजाना ।


प्रश्न 14. सिहं भूमि में कोल विद्रोही आदिवासियों का नेतृत्व किसने किया?

उत्तर-गोनू ने

प्रश्न 15. दत्तक पुत्र (गोद लिया पुत्र) को अवैध घोषित कर अंग्रेजी राज्य में किन राज्यों को मिलाया गया ?

उत्तर- झांसी और सतारा, राज्य।

प्रश्न 16. भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहां कहां लड़ा गया ?

उत्तर - दिल्ली, उत्तर प्रदेश ,हरियाणा ,बिहार, पंजाब आदि स्थानों पर।


प्रश्न 17.  1857 के विद्रोह में सबसे व्यापक रूप कहां देखने को मिला ?

उत्तर - अवध में।


प्रश्न 18. 1856 में अवध में अधिग्रहण के बाद कौन-सी भू-राजस्व व्यवस्था लागू की गई ?

उत्तर - एकमुश्त बंदोबस्त व्यवस्था।

प्रश्न 19.  लखनऊ में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किसने किया ?

उत्तर -  बेगम हजरत महल ने (अवध के नवाब वाजिद अली शाह की पत्नी)

प्रश्न 20.  विद्रोह के बाद अंग्रेजों ने पुनः अवध पर कब नियंत्रण स्थापित किया ?

उत्तर - मार्च 1858 में।


प्रश्न 21. किस मौलवी ने 1857 के विद्रोह में अहम भूमिका निभाई?

अथवा

प्रश्न 21डंका शाह किसे कहा जाता था ?

उत्तर- मौलवी अहमदुल्लाह शाह ।

प्रश्न 22. "खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी" यह किसने लि7खा ?

उत्तर - सुभद्रा कुमारी चौहान ने।

प्रश्न 23. बिरजिस कद्र किसका पुत्र था ?

उत्तर- अवध के नवाब वाजिद अली शाह का।

प्रश्न 24. लखनऊ में ब्रिटिश राज ढहने  के बाद 1857 में किसे नेता घोषित किया गया ?

उत्तर  - बिरजिस कद्र को।

प्रश्न 25. अवध में सहायक संधि कब और किसने लागू की ?

उत्तर-  अवध में सहायक सन्धि 1801 में लॉर्ड वैलेजली ने लागू की।

प्रश्न 26. अवध में खेती की स्थिति कैसी थी ?

उत्तर - अवध में नील और कपास की खेती के लिए अत्यधिक उपयुक्त भूमि थी।

प्रश्न 27. तालुकदारों में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रति असंतोष क्यों था ?

उत्तर - 1856 में एकमुश्त बंदोबस्त के नाम पर उनकी जमीन छीन ली गई।

प्रश्न 28. दिल्ली के उन तीन द्वारों के नाम बताइए जहां विद्रोहियों ने 1857 में कब्जा कर लिया था ?

उत्तर - अजमेरी गेट, तुर्कमान गेट एवं दिल्ली गेट।

प्रश्न 29. 1857 में बरेली में हिंदू और मुसलमानों को लड़ाने के लिए अंग्रेजों  ने कितने रुपए खर्च करें

उत्तर- 50000 रुपये खर्च किये ।

प्रश्न 30.  कौन से भारतीय राजाओं, शासकों ने अंग्रेजों का 1857 की क्रांति में साथ दिया ?

उत्तर- ग्वालियर के सिंधिया, इंदौर के होल्कर, हैदराबाद के निजाम, जोधपुर के राजपूत शासक, भोपाल के नवाब ,नेपाल के राजा इन सब ने अंग्रेजों का साथ दिया।


प्रश्न 31. राज्य हड़पने की नीति कौन से गवर्नर जनरल ने अपनाई ?

उत्तर - लॉर्ड डलहौजी ने।


प्रश्न 32. प्रथम भारतीय संग्राम 1857 के असफलता के क्या कारण थे ?

उत्तर-

1.विद्रोह का निश्चित तिथि से पहले ही शुरू हो जाना।

2.भारतीयों में एकता ना रहना ।
3. विद्रोह का भारत के सभी भागों में ना फ़ेलना।
4. और कुछ भारतीय राजाओं के द्वारा अंग्रेजों का साथ देना।
5. भारतवासियों के पास अंग्रेजों के मुकाबले हथियारों का अभाव था।
6. अंग्रेजों को ब्रिटेन से यथासमय सहायता प्राप्त हो जाना।

 प्रश्न 33. सहायक संधि क्या थी?/सहायक संधि से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर- सहायक संधि लार्ड वेलेजली द्वारा 1798 में तैयार की गई एक संधि थी। अंग्रेजों के साथ यह संधि करने वालों को कुछ शर्तें स्वीकार करनी पड़ती थी। जैसे-

(क) अंग्रेज अपने सहयोगी की बाहरी तथा अंतरिक्ष चुनौतियों से सुरक्षा करेंगे।

(ख) सहयोगी पक्ष के क्षेत्र में एक अंग्रेजी सैनिक टुकड़ी तैनात रहेगी।

(ग) सहयोगी पक्ष को इस टुकड़ी के देखरेख की व्यवस्था करनी होगी।

(घ) सहयोगी पक्ष न तो किसी अन्य शासक के साथ संधि कर सकेगा और न ही अंग्रेजों की अनुमति के बगैर किसी युद्ध में भाग लेगा।

प्रश्न 34. 1857 के विद्रोह के प्रमुख कारण क्या थे ?

उत्तर -

विद्रोह के कारणरा

जनीतिक कारण

1. ब्रिटेन की विस्तार वादी नीति

2. बहादुर शाह जफर का अपमान

3. लार्ड वेलेजली की सहायक संधि

4. लॉर्ड डलहौजी की हड़प नीति/अधिग्रहण नीति

आर्थिक कारण

1. आर्थिक विकास (धन का निष्कासन)

2. कुटीर उद्योग और हस्तशिल्प का ह्वास

3. बेरोजगारी में वृद्धि

4. गरीबी और अकाल

5. किसानों की आर्थिक स्थिति में गिरावट

धार्मिक एवं सामाजिक कारण

1. धार्मिक प्रथाओं पर प्रहार

2. अफवाहें और भविष्यवाणियां

2. रंगभेद की नीति

सैन्य कारण

1. भारतीय सैनिकों के प्रति दुर्व्यवहार

2. अंग्रेजों की तुलना में कम वेतन

3. पदोन्नति के कम अवसर

4. जनरल सर्विस एन्लिस्टमेंट एक्ट (1856)

तात्कालिक कारण

1. अधिग्रहण की नीति

2. सिपाहियों का विद्रोह

3. कारतूसों में गाय और सुअर की चर्बी

प्रश्न 35. अवध पर अधिकार करने में अंग्रेजों की दिलचस्पी का मुख्य कारण क्या था ?

उत्तर -

अवध पर कब्जे में अंग्रेजों की दिलचस्पी का एक कारण वहां की जमीन का नील और कपास की खेती के लिए उपयुक्त(मुफीद) होना है । उन्हें लगता था कि इस इलाके को उत्तरी भारत के एक बड़े बाजार के रूप में विकसित किया जा सकता है। 1850 के दशक की शुरुआत तक वे देश के ज्यादातर बड़े हिस्से पर जीत हासिल कर चुके थे।

मराठा भूमि, दो-आब, कर्नाटक, पंजाब, और बंगाल, सब अंग्रेजों की झोली में थे। लगभग एक सदी पहले बंगाल की जीत के साथ शुरू हुई क्षेत्रीय विस्तार की प्रक्रिया 1856 में अवध के अधिग्रहण के साथ मुकम्मल हो जाने वाली थी

प्रश्न 37. विद्रोहियों के बीच एकता स्थापित करने के लिए क्या तरीके अपनाए गए ?

अथवा

"1857 में विद्रोहियों द्वारा जारी की गई घोषणाओं में मुगल साम्राज्य के तहत विभिन्न समुदायों के सहअस्तित्व का गौरवगान किया जाता था।" उक्त कथन की उदाहरणों सहित पुष्टि कीजिए।

उत्तर-

(1) 1857 में विद्रोहियों द्वारा जारी की गई घोषणाओं में, जाति और धर्म का भेद किए बिना समाज के सभी तबकों का आह्वान किया जाता था।

(2) अनेक घोषणाएं मुस्लिम राजकुमारों या नबाबों की तरफ से उनके नाम पर जारी की गई थी। परंतु उनमें भी हिंदुओं की भावनाओं का ख्याल रखा जाता था।

(3) इस विद्रोह को एक ऐसे युद्ध के रूप में पेश किया जा रहा था जिसमें हिंदू और मुसलमान दोनों का नफा नुकसान बराबर था।

(4) इश्तहारों में अंग्रेजों से पहले के हिंदू-मुस्लिम अतीत की ओर संकेत किया जाता था और मुगल साम्राज्य के तहत विभिन्न समुदाय के अस्तित्व का गौरव गान किया जाता था।

(5) बहादुर शाह के नाम से जारी की गई घोषणा में मोहम्मद औरआह्वान किया गया।

(6) हिंदू मुसलमानों के मत देख आई उत्पन्न करने की अंग्रेजों द्वारा की गई कोशिशों के बावजूद उनकी एकता में कोई अंतर नहीं दिखाई दिया।

प्रश्न  38. अंग्रेजों ने विद्रोह को कुचलने के लिए क्या कदम उठाए ?

उत्तर- 

अंग्रेजों के लिए इस जनविद्रोह को कुचलना आसान नहीं था परंतु फिर भी अंत में सफल हुए। उन्होंने इस को कुचलने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए-


  1. उत्तर भारत को दोबारा जीतने के लिए सैन्य टुकड़ियों को रवाना करने से पहले अंग्रेजों ने फौजियों की आसानी के लिए कई कानून पारित कर दिए थे।

  2. मई और जून 1857 में पास किए इन कानूनों के जरिए समस्त उत्तर भारत में मार्शल लॉ लागू कर दिया गया।

  3.  फ़ौजी अफसरों व साधारण अंग्रेजों को भी ऐसे हिंदुस्तानियों पर मुकदमा चलाने और उनको सजा देने का अधिकार दे  दिया गया जिन पर विद्रोह में सम्मिलित होने का संदेह था।

  4.  कानून और मुकदमों की सामान्य प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया। विद्रोह की केवल एक 'सजा-ए-मौत' निर्धारित की गई। 

  5. ब्रिटेन से सैनिक टुकड़ियाँ मंगाई गई ताकि विद्रोहियों को कुचला जा सके।

  6. अंग्रेज दिल्ली के सांकेतिक महत्व को समझते थे। अतः दिल्ली पर दो तरफ- कलकत्ता और पंजाब की तरफ से- आक्रमण किया गया। दिल्ली पर काफी संघर्ष और हानि के बाद सितंबर में कव्जा हुआ।

  7. (क) अंग्रेजों ने भूस्वामियों और काश्तकारों की एकता को तोड़ने के लिए बड़े जमीदारों को आश्वासन दिया कि उन्हें उनकी जागिरें लौटा दी जाएंगी।

(ख) विद्रोह का मार्ग अपनाने वाले जमीदारों को जमीन से बेदखल कर दिया गया और वफादारों को इनाम दिए गए। 

(ग) इस प्रकार बहुत से जमीदार या तो अंग्रेजों से लड़ते हुए मारे गए या भागकर नेपाल चले गए जहाँ  उन्होंने भूख और बीमारी से दम तोड़ दिया।

प्रश्न 39. सिपाहियों ने भिन्न-भिन्न स्थानों पर कार्रवाई शुरू करने के लिए किस प्रकार के संकेतों का प्रयोग किया? 

उत्तर- 

निम्नलिखित प्रकार के विशेष संकेतों का प्रयोग किया गया-

  1. कई जगहों पर शाम के समय तोप का गोला दागा गया। 

  2. कई स्थानों पर बिगुल बजाकर विद्रोह का संकेत दिया गया।

प्रश्न 40.   विद्रोहियों की प्रारंभिक गतिविधियों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर-

  •  सबसे पहले उन्होंने शस्त्रागार पर कब्जा जमाया।

  •  सरकारी खजाने को लूटा।

  • इसके पश्चात जेल, सरकारी खज़ाना, टेलीग्राफ दफ्तर,  रिकॉर्ड रूम,बंगलों, सरकारी इमारतों पर  आक्रमण किया तथा सारे रिकॉर्ड जलाते चले गए। 


प्रश्न 41.  बड़े शहरों में अमीरों और साहूकारों को शिकार क्यों बनाया गया?


उत्तर- विद्रोही अमीरों और साहूकारों को किसानों का उत्पीड़क और अंग्रेजों के पिट्ठू मानते थे। इसलिए वे विद्रोहियों के गुस्से का शिकार हुए।


प्रश्न 43.  मंगल पांडे कौन था?


उत्तर-  वह बैरकपुर (बंगाल) की 34 वीं सैन्य बटालियन का एक सिपाही था। उसने अपनी छावनी में चर्बी वाले कारतूस की बात पहुंचाई तथा अंग्रेज अधिकारियों के धर्म विरोधी आदेश की अवहेलना की। सार्जेंट मेजर हगसन के आदेश पर जब किसी भारतीय ने मंगल पांडे को कैद नहीं किया तो उसने हगसन को गोली मार दी। बाद में उसे कैद कर लिया गया और 8 अप्रैल 1857 कोउसे फांसी दे दी गई।


प्रश्न 45. "अफवाहें तभी फैलती हैं जब उनमें लोगों के दिमाग में गहरे दबे डर और संदेह की अनुगूंज सुनाई देती है।" 1857 के विद्रोह के संदर्भ में यह कथन किस प्रकार से उचित था?

अथवा 

 लोग अफवाहों पर विश्वास क्यों कर रहे थे?


उत्तर-

अफवाहें और भविष्यवाणियाँ 


तरह तरह की अफवाहों और भविष्यवाणियों के माध्यम से लोगों को उठ खड़ा होने के लिए बाधित किया जा रहा था।

1. गाय व सूअर की चर्बी वाले कारतूस- कोलकाता की बैरकपुर छावनी में एक नई राइफल एनफील्ड आई थी और उस राइफल के कारतूस को राइफल में डालने से पहले उसकी खोल को मुंह से तोङना पड़ता था। यह अफवाह फैला दी गई कि यह खोल गाय और सुअर की चर्बी से बना है। इसे हिंदू मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई।

2. 1857 के आरम्भ तक उत्तर भारत में यह एक अफवाह शीर्ष पर थी कि अंग्रेज सरकार ने हिंदू तथा मुसलमानों की जाति व धर्म को भ्रष्ट करने के लिए एक भयानक साजिश रच ली है और इस उद्देश्य के लिए अंग्रेजों ने बाजार में मिलने वाले आटे में गाय व सूअर की हड्डियों का चूर्ण मिलवा दिया है। 

3. किसी बड़ी कार्रवाई के आव्हान को इस भविष्यवाणी से और ताकत मिली कि प्लासी की जंग के 100 वर्ष पूरा होते ही 23 जून 1857 को अंग्रेजी राज समाप्त हो जाएगा। 

4. भारत के विभिन्न हिस्सों से गांव-गांव में चपातियां बांटने की रिपोर्ट आ रही थी। रात्रि में एक आदमी आकर गांव में चौकीदार को एक चपाती और पांच और चपातियां मिलाकर अगले गांव में पहुंचाने का निर्देश दे जाता था। इसे किसी आने वाली मुसीबत का संकेत मान रहे थे।


लोग अफवाहों पर विश्वास क्यों कर रहे थे ?


1857 की इन अफवाहों को 1820 के दशक से अंग्रेजों द्वारा अपनाई गई नीतियों के संदर्भ में देखा जाए तो उनका अर्थ आसानी से समझा जाता है-

1. गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बैटिंग ने 1829 में सती प्रथा को समाप्त कर दिया था। 

2. विधवा विवाह को वैधता प्रदान करने के लिए कानून बनाए दिया था। 

3. भारतीय समाज को सुधारने के लिए अंग्रेजी शिक्षा लागू की थी।

4. शासकीय निर्मलता और दतकता को अवैध घोषित कर देने जैसे बहानों के माध्यम से अंग्रेजों ने अवध, झांसी, सातारा जैसी अन्य रियासतों को कब्जे में ले लिया था।

 अंग्रेजों की इन नीतियों से लोगों के दिमाग में दबे गहरे डर और संदेह की अनुगूंज थी जिससे वे अफवाहों पर विश्वास करने लगे।


प्रश्न 46. विद्रोह से पूर्व भारतीय सैनिकों की अंग्रेजी शासन के विरुद्ध क्या शिकायतें थी?


उत्तर -  दशकों से सिपाही कम वेतन और छुट्टी नहीं मिलने के कारण असंतुष्ट थे। 

(क)1840 के दशक में स्थिति बदलने लगी। अफसरों में श्रेष्ठता का भाव पैदा होने लगा और वे सिपाहियों को कमतर नस्ल का मानने लगे। 

(ख) उनकी भावनाओं की जरा सी भी फिक्र नहीं करते थे। गाली गलोच और शारीरिक हिंसा सामान्य बात बन गई। (ग) सिपाहियों और अफसरों के बीच फासला बढ़ता गया।  भरोसे की जगह संदेह ने ले ली।

 चिकनाई युक्त कारतूसों की घटना  इसका एक बढ़िया उदाहरण थी।

(घ) सिपाही अपने इर्द-गिर्द जिन बदलावों को देख रहे थे और उन्हें जो खतरे दिखाई दे रहे थे वे जल्दी ही सिपाही लाइनों में भी दिखाई देने लगे।

(ङ) कारतूसों के विषय में सिपाहियों का डर, छुट्टियों के विषय में उनकी शिकायतें, बढ़ते दुर्व्यवहार,  नस्ली गाली गलौच के प्रति बढ़ता असंतोष गांवों में भी प्रतिबिंबित होने लगा था।


प्रश्न 47. अवध के अधिग्रहण से ताल्लुकदारों की स्थिति में क्या अंतर आया?(पेज 297,299)

उत्तर- 

  1. अवध के अधिग्रहण से सिर्फ नवाब की ही गद्दी नहीं छीनी थी। इसने इलाके के ताल्लुकदारों को भी लाचार कर दिया था।

  2.  अवध के समूचे देहात में ताल्लुकदारों की जागिरें और किले बिखरे हुए थे।  यह लोग पीढियों से अपने इलाके में जमीन और सत्ता पर नियंत्रण रखते आए थे।

  3. अंग्रेज इन ताल्लुकदारों की सत्ता को बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं थे ।

  4. अधिग्रहण के फोरन बाद ताल्लुकदारों की सेनाएं भंग कर दी गई। इनके दूर्ग ध्वस्त कर दिए गए।

  5. अधिग्रहण के बाद 1856 में एकमुश्त बंदोबस्त के नाम से ब्रिटिश भू-राजस्व व्यवस्था लागू कर दी गई। यह बंदोबस्त मान्यता पर आधारित था कि तालुकदार बिचौलिए थे जिनके पास जमीन का मालिकाना हक नहीं था। एकमुश्त बंदोबस्त में तालुकदारों को उनकी जमीन से बेदखल किया जाने लगा।

  6. अंग्रेजों के आने से पहले ताल्लुकदारों  के पास अवध के 67% गांव थे जो घटकर 38% रह गए।

  7. दक्षिणी अवध के ताल्लुकदारों को सबसे बुरी मार पड़ी। कुछ के तो आधे से ज्यादा गांव आते जाते रहे।

  8. ब्रिटिश भू-राजस्व अधिकारियों का मानना था कि ताल्लुकदारों हटाकर वे जमीन असली मालिकों के हाथ में सौंप देंगे जिससे किसानों के शोषण में कमी आएगी और राजस्व वसूली में इजाफा होगा।

  9. अवध के इलाकों का मूल्य निर्धारण बहुत बड़ा चढ़ाकर किया गया।

  10. कुछ स्थानों पर तो भू राजस्व मांग में 30 परसेंट से 70% तक इजाफा हुआ जिससे न तो तालुकदार और न किसान खुश थे।



प्रश्न 42. विद्रोह में भाग लेने वाले नेताओं के नामों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- 
















6 comments:

CBSE PAPER & ANSWER KEY 19-20